संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ तमाम नेताओं की तरफ से आरो-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरू हो गया है। इस कड़ी में सोमवार को विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार अदाणी मुद्दे पर सार्वजनिक बहस नहीं चाहती है। संसद के दोनों सदनों में कामकाज स्थगित कर इस मामले पर चर्चा की मांग के बीच सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
अदाणी मुद्दे पर दिया गया था स्थगन नोटिस
सोमवार को कई विपक्षी दलों के नेताओं ने रिश्वतखोरी के आरोप में अदाणी समूह के संस्थापक अध्यक्ष गौतम अदाणी और अन्य पर अमेरिकी अदालत में अभियोग चलाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस दिया। लेकिन संसद के दोनों सदनों में अध्यक्ष ने बहस की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
‘आरोप अदाणी पर है, लेकिन भाजपा को दर्द हो रहा है’
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा, कल सर्वदलीय बैठक में पूरे विपक्ष ने अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वत के आरोपों पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा। आरोप अदाणी पर है, लेकिन भाजपा को दर्द हो रहा है। कांग्रेस सांसद ने कहा, अधिकांश दलों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था, लेकिन विपक्ष के नेता ने इस बात पर आपत्ति जताई कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा नहीं की जा रही है। नतीजतन, सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। उन्होंने कहा, मुझे समझ में नहीं आता कि सदन को स्थगित करने के बजाय वे इस पर चर्चा कर सकते थे। इससे पता चलता है कि सरकार अदाणी मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बहस नहीं होने देना चाहती। हम यह मुद्दा नहीं उठा रहे हैं, यह मुद्दा न्याय विभाग (अमेरिका) की तरफ से उठाया गया है। इससे पता चलता है कि कुछ गड़बड़ है।
वे अदाणी मुद्दे पर चर्चा करने से बहुत डरे हुए हैं- वेणुगोपाल
कांग्रेस के लोकसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, वे अदाणी मुद्दे पर चर्चा करने से बहुत डरे हुए हैं। वे इस मुद्दे पर विपक्ष से एक शब्द भी सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, एक सेकंड के भीतर ही उन्होंने सदन को स्थगित कर दिया। वे इस मुद्दे के उठाए जाने से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपना आंदोलन जारी रखेगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि सदन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों को सहयोग करने की आवश्यकता है। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा, सभी विपक्षी दल इस मुद्दे पर बहस करना चाहते थे, लेकिन सरकार तैयार नहीं थी। इस पर कार्य मंत्रणा समिति में चर्चा होनी चाहिए। मुद्दा यह है कि संसद की कार्यवाही चलाने के लिए सभी को साथ लिया जाना चाहिए, सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।