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‘क्षेत्र में सुरक्षा, समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भारत-यूएई के साझा हित’, विदेश मंत्री का बयान

नई दिल्ली:  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को भारत-संयुक्त अरब अमीरात की 15वीं संयुक्त आयुक्त बैठक में शिरकत की। इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए भारत और यूएई के साझा हित हैं। इस बैठक में यूएई की तरफ से वहां के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान भी प्रतिनिधिमंडल के साथ शामिल हुए।

ऊर्जा सहयोग बढ़ रहा
बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ‘संयुक्त अरब अमीरात, भारत में निवेश का प्रमुख स्त्रोत है। यूएई में भी भारत का निवेश लगातार बढ़ रहा है और इससे यूएई को पश्चिम एशिया, यूरोप और अफ्रीका में व्यापार का प्रमुख केंद्र होने का फायदा मिल रहा है। हमारा ऊर्जा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है और कई अहम समझौते हुए हैं। साथ ही अक्षय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी दोनों देशों का सहयोग मजबूत हो रहा है।’

सैन्य स्तर पर दोनों देशों में मजबूत हो रही साझेदारी
विदेश मंत्री ने सैन्य क्षेत्र में बढ़ रहे दोनों देशों के सहयोग का भी जिक्र किया और बताया कि किस तरह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास बढ़े हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि ‘साथ ही संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स आदि वैश्विक मंचों के जरिए भी सहयोग बढ़ा है। दोनों देशों के लोगों के लोगों से संबंध भी अहम हैं। यूएई में 39 लाख भारतीय रहते हैं और हम भारतीय इस मौके पर यूएई सरकार को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमारे नागरिकों के कल्याण का ध्यान रखा।’

रणनीतिक मुद्दों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री ने भारत और यूएई की बढ़ती साझेदारी पर कहा कि दोनों देशों के बीच बीते 18 महीने में पांच बार शीर्ष नेताओं का दौरा हुआ है। साथ ही उन्होंने यूएई में खुल रहे भारतीय शैक्षणिक संस्थानों जैसे आईआईटी और आईआईएम का भी जिक्र किया। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ा है और CEPA समझौते के बाद इसमें बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले गुरुवार को भारत और यूएई के बीच चौथी रणनीतिक वार्ता भी हुई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर दोनों देशों के बीच चर्चा हुई।