कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसीपल संदीप घोष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार का जनता के विश्वास पर गंभीर असर पड़ता है। संदीप घोष ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज वित्तीय अनियमितता के मामले को खारिज कराने की अपील की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस गौरांग कांत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जिस विशेष अदालत के समक्ष संदीप घोष के मामले की सुनवाई होनी है, वह उच्च न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई से पहले की तारीख तय कर सकती है।
संदीप घोष पर आरजी कर मामले में वित्तीय अनियमितता के लगे हैं आरोप
गौरतलब है कि संदीप घोष और चार अन्य लोगों को सीबीआई ने आरजी कार मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता के मामले में गिरफ्तार किया था। घोष पर आरोप है कि उनके प्रिंसीपल रहते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन में वित्तीय अनियमितता की गई। खंडपीठ ने कहा कि ‘याचिकाकर्ता के खिलाफ जो आरोप लगे हैं, वे बेहद गंभीर हैं। शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार से जनता का राज्य के मामलों में विश्वास कम होता है। भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी के खिलाफ सुनवाई से लोगों का न्याय व्यवस्था में विश्वास कायम होगा, लेकिन साथ ही हिरात में जो आरोपी है, उसे भी निष्पक्ष और न्यायपूर्ण सुनवाई का अधिकार है।’
उच्च न्यालाय ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई को खंडपीठ के सामने जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा। साथ ही सीबीआई ने भी आरोपियों के खिलाफ इकट्ठा किए गए इलेक्ट्रॉनिक और स्कैन दस्तावेजों की कॉपियां आरोपियों को उपलब्ध कराने पर सहमति दे दी। बीते साल 9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोपी संजय रॉय को सजा का एलान हो चुका है।