Fri. Feb 14th, 2025

मुंबई:  महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दलों के समर्थकों को उनके क्षेत्रों के लिए कोई विकास निधि नहीं मिलेगी। बुधवार को सिंधुदुर्ग जिले के ओरोस में भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए, मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास मंत्री ने कहा कि अगर विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन के कार्यकर्ता अपने निर्वाचन क्षेत्रों का विकास चाहते हैं तो उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना चाहिए।

मंत्री के विवादित टिप्पणी पर विपक्ष की प्रतिक्रिया
वहीं उनकी इस टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और पूछा कि क्या मंत्री अपने पद की शपथ भूल गए हैं। मंत्री नितेश राणे ने कहा, ‘एमवीए के कई कार्यकर्ता पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं और मैं उन लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं जो बचे हैं। केवल (सत्तारूढ़) महायुति कार्यकर्ताओं को ही निधि मिलेगी। अगर किसी गांव में एमवीए पार्टी का सरपंच या कोई अन्य पदाधिकारी है, तो उन्हें एक भी रुपया नहीं मिलेगा।’ मंत्री ने कहा कि वह अपनी बात को ‘साफ और सीधे’ तरीके से रखना पसंद करते हैं।

पार्टी कार्यकर्ता विपक्षी दलों की मदद न करें- राणे
मंत्री नितेश राणे ने भाजपा कार्यकर्ताओं से भी कहा कि वे वफादार रहें और विपक्षी दलों की मदद न करें। उन्होंने कहा, ‘किसी भी परिस्थिति में विपक्षी उम्मीदवारों की मदद न करें।’ राज्य में पार्टी के विस्तार अभियान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘एक करोड़ से अधिक सदस्य पहले ही नामांकित हो चुके हैं। आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा को नंबर वन पार्टी बनना चाहिए। हर गांव में संगठन को मजबूत करें और पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम करें।’

नितेश राणे ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य भाजपा उम्मीदवारों की 100 प्रतिशत जीत है। भले ही महायुति के भीतर दोस्ताना मुकाबला हो, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि निर्वाचित प्रतिनिधि हमारे गठबंधन से होंगे। अगर संयोग से कोई विपक्षी उम्मीदवार जीतता है, तो हम उन्हें भी भाजपा में शामिल करेंगे।’

विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की
वहीं गुरुवार को एक्स पर नितेश राणे के भाषण की एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए, एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, ‘या तो उन्होंने पद की शपथ ध्यान से नहीं पढ़ी या फिर वे भूल गए हैं। अगर मंत्री इस तरह संविधान को नुकसान पहुंचाएंगे तो संविधान कैसे बचेगा? मैं उम्मीद करती हूं कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को चेतावनी देंगे।’ शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने भी वीडियो क्लिप शेयर की। उन्होंने पूछा कि क्या भारत को विश्वगुरु बनाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी को यह सुनने के बाद इस पर भाषण देना चाहिए कि देश में लोकतंत्र जिंदा है या नहीं।

By Editor