नई दिल्ली:  केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) ने आयकर अधिकारी समीर वानखेड़े का मुंबई से चेन्नई ट्रांसफर रद्द कर दिया है। न्यायाधिकरण ने कहा कि राजस्व विभाग ने अपनी ही गाइडलाइनों का स्पष्ट उल्लंघन किया है। समीर वानखेड़े, जो 2008 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं, 2021 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई में अपनी तैनाती के दौरान चर्चा में आए थे। उन पर बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये की घूस मांगने का आरोप था, ताकि उनके बेटे आर्यन खान को ड्रग्स मामले में फंसाने की धमकी दी जा सके।

ट्रांसफर के फैसले में कई त्रुटियां और पक्षपात
सीएटी की पीठ ने पाया कि ट्रांसफर निर्णय में कई प्रक्रिया संबंधी त्रुटियां थीं और इसमें पक्षपात की संभावना भी दिखी। न्यायाधिकरण ने कहा कि सरकारी अधिकारियों के लिए देशभर में सेवा स्थानांतरण की जिम्मेदारी होती है, लेकिन ट्रांसफर पॉलिसी को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू किया जाना चाहिए।

‘विभाग ने अपनी ही गाइडलाइनों का उल्लंघन किया’
न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा, ‘हम यह अच्छी तरह से जानते हैं कि यह स्थापित कानून है कि ट्रांसफर, जो कि सेवा का हिस्सा है, को कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करता, जब तक वह स्पष्ट रूप से मनमाना या किसी गलत उद्देश्य से किया गया न हो। लेकिन इस मामले में, विभाग ने अपनी ही गाइडलाइनों का उल्लंघन किया है।’

समीर वानखेड़े ने क्या लगाया था आरोप?
भारतीय राजस्व सेवा समीर वानखेड़े ने आरोप लगाया था कि उनका ट्रांसफर दंडात्मक था और यह एनसीबी में उनकी कार्यवाही का परिणाम था। उनका कहना था कि उन्हें और उनके परिवार को अंडरवर्ल्ड से कई बार धमकियां मिली थीं। यह ट्रांसफर 30 मई 2022 को हुआ था, और वे अब चेन्नई में अतिरिक्त आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं।

समीर वानखेड़े कई हाई-प्रोफाइल मामलों में शामिल थे, जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री के दामाद समीर खान की ड्रग से जुड़े मामले में गिरफ्तारी भी शामिल है। इन घटनाओं के बाद, 16 जून, 2022 को एक विशेष जांच दल की तरफ से उनके खिलाफ जांच शुरू की गई थी।

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