गांधीनगर:केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने खाद्यान्न उत्पादन में इफको की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि इफको ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शाह ने बताया कि इफको ने रासायनिक उर्वरकों से नैनो और जैव उर्वरकों की ओर कदम बढ़ाया है।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने रविवार को गांधीनगर में भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) की कलोल इकाई के स्वर्ण जयंती समारोह में एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इफको के बीज अनुसंधान केंद्र की आधारशिला भी रखी। इस दौरान शाह ने कहा, ‘चाहे किसानों की मदद करने की बात हो, अनुसंधान, विकास, विपणन, ब्रांडिंग और हर घर तक पहुंचने की बात हो, इसको ने ऐसी दक्षता दिखाई है कि कोई बी कॉर्पोरेट कंपनी शर्मिंदा हो जाएगी।

अगले 50 सालों में पर्यावरण को बचाने का काम करेगा इफको
अमित शाह ने आगे कहा कि इफको के 50 साल कृषि, अनाज उत्पादन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की समृद्धि के लिए समर्पित रहे हैं। इसके अलावा, अगले 50 सालों में इफको मौजूदा उद्देश्यों को बकरार रखते हुए कृषि को आधुनिक और उत्पादक बनाने के साथ ही भूमि को संरक्षित करने और पर्यावरण को बचाने के लिए काम करेगा।

इफको गठन के समय थोक उर्वरकों पर था ध्यान
शाह ने यह भी कहा कि अगर आज भारत खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर है, तो इसका श्रेय इफको को जाता है। उन्होंने बताया कि जब इफको का गठन हुआ था, तब हमारा ध्यान थोक उर्वरकों पर था। लेकिन, आज हमारा ध्यान लक्षित और नियंत्रित रिलीज पर है, ताकि मिट्टी को बिना नुकसान के पोषक तत्व मिल सकें।

इफको ने 3200 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया
अमित शाह ने इफको के कारोबार पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इफको ने 90 लाख मीट्रिक टन की उत्पादन क्षमता हासिल की है। साथ ही 40,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। इसके अलावा, 3,200 करोड़ रुपये का मुनाफा भी कमाया है। उन्होंने बताया कि 50 साल पहले जब इफको की शुरुआत हुई, तब यह उच्च लागत और कम दक्षता पर काम करती थी। लेकिन, आज कम लागत और उच्च दक्षता हासिल करने के लिए काम किया है। शाह ने कहा, ‘पहले हम अपनी कृषि नीतियों के कारण पिछड़े हुए थे, लेकिन आज हम पर्यावरण के मामले में सबसे आगे पहुंच गए हैं।’

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