भारत में सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स पिछले बंद से करीब 4000 अंक नीचे रहा। हालांकि, बाजार बंद होने से पहले यह संभला और 2226 अंक नीचे गिरकर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में भी करीब 1100 अंकों का गोता लगाने के बाद 742 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। बाजार विशेषज्ञों ने इस गिरावट के बारे में गुरुवार को ही चेतावनी जारी कर दी थी, जब ट्रंप ने दुनियाभर की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से आयात होने वाले अहम उत्पादों पर आयात शुल्क लगा दिया था। हालांकि, इसका असल असर सोमवार से दिखना शुरू हुआ है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि जापान से लेकर चीन तक, एशिया में सभी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली का दौर देखा गया है।

ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर ट्रंप के आयात शुल्क लगाने के फैसले का शेयर बाजारों पर इतना भीषण असर क्यों पड़ा है? कहां-कहां मार्केट में गिरावट देखी गई है? इसके अलावा यह असर अभी कितने दिन तक रह सकता है? इससे आम लोगों की जिंदगी पर किस तरह असर पड़ने की संभावना है?

पहले जानें- भारत पर कितना भीषण रहा है ट्रंप के टैरिफ का असर?
बीएसई का सेंसेक्स ने सुबह खुलने के बाद सीधा 3900 से ज्यादा अंकों का गोता लगाया। यह पिछले बंद से करीब 5.22 फीसदी की गिरावट थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान भारत के शेयर बाजार से निवेशकों का करीब 20 लाख करोड़ रुपया साफ हो गया। हालांकि, शाम आते-आते सेंसेक्स थोड़ा संभला और यह गिरावट 2226 अंकों के पहुंच गई। वहीं, निवेशकों की जमा पूंजी में गिरावट भी 14 लाख करोड़ के करीब आ गई।

भारत के अलावा और किन देशों में मार्केट का रहा बुरा हाल?
मार्केट विश्लेषकों ने पहले ही एलान किया था कि सोमवार का दिन ब्लैक मंडे हो सकता है। यानी इस दिन शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की जा सकती है। हुआ भी कुछ ऐसा ही। दुनिया में सबसे पहले खुलने वाले पूर्व में स्थित देशों (एशिया) में शेयर बाजार के खुलने के साथ ही बड़ी गिरावट दर्ज की गई। आलम यह रहा कि चीन के शंघाई से लेकर जाान के टोक्यो और ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से लेकर दक्षिण कोरिया के शेयर बाजार तक में जबरदस्त बिकवाली का दौर देखा गया। बाजार में इस दिन को ‘ब्लडबाथ’ तक कहा गया है।

By Editor