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हरदोई कछौना क्षेत्र बना कच्ची शराब का कुटीर उद्योग

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कछौना, हरदोई
– आखिर पुलिस प्रशासन व आबकारी के अथक प्रयास के बावजूद कच्ची शराब पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
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बताते चलें कि कोतवाली कछौना क्षेत्र में मिलावटी कच्ची शराब का धंधा कुटीर उद्योग के रूप में फल फूल रहा है। पूर्व में पुलिस प्रशासन का कच्ची शराब बनाने को संरक्षण प्राप्त था। कच्ची शराब से पुलिस प्रशासन द्वारा 2000 से 5000 रुपये तक सुविधा शुल्क की वसूली होती थी। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में गांव-गांव कुटीर उद्योग के रूप में फैल गया था। क्षेत्र के कस्बा बालामऊ के कंजड पुरवा, ठाकुरगंज टिकारी, बहदिन, सांता, अंटा, पल्लेपार, अरसेनी, करौली, जसवंतपुर, दर्शन खेड़ा, गौठवा, दिबियापुर, पंजाबी झाला, फत्तेहपुर, प्रतापपुरा, अतरादून, महिपाल खेड़ा, पूरबखेड़ा, हेमन खेड़ा, दीननगर, छेतन खेड़ा, समसपुर, सेमरा, जलिमपुर, नारायन देव, फार्मखेड़ा, पकरियाऊसर, कस्बा नटपुरवा, कहिलैया, गढ़ी कमालपुर, खन्ना खेड़ा, बालामऊ, रुदान खेड़ा, शिवपुरी, लोन्हारा आदि सैकड़ों ग्रामीणों में कच्ची शराब का व्यवसाय अवैध रूप से चल रहा है। जिसमें पुरुष, महिलाएं बच्चे तक इस व्यवस्था में शामिल है।कच्ची शराब बनाने वाले गुड़ के साथ ईस्ट, यूरिया, ऑक्सीटॉसिन व अन्य प्रतिबंधित जानलेवा रसायनों का प्रयोग धड़ल्ले से करते हैं। कमजोर व मजदूर वर्ग के लोग इनका शिकार बनते हैं। घटिया शराब पीने से किडनी, लिवर की बीमारी के साथ आंख की रोशनी चली जाती है। असमय मौत के घाट उतार जाते हैं। कच्ची शराब बिक्री स्थानों पर पियक्कड़ों का हमेशा जमावड़ा लगा रहता है। जिनकी बीच में गाली गलौज के साथ लड़ाई झगड़ा का कारण बनती है। नशे में युवा वर्ग सबसे ज्यादा चपेट में आते हैं। शराबियों के उत्पाद का सबसे ज्यादा शिकार घरेलू महिलाएं होती हैं। शराबी जब आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, उसका सीधा असर क्षेत्र में चोरी की घटनाओं में इजाफा होता है। इसी क्रम में आबकारी टीम द्वारा बुधवार को कहिलैया गांव में दबिश दी गई। जिससे अवैध कच्ची शराब बनाने वालों में हड़कंप मच गया। बताते चलें आबकारी विभाग ने अवैध शराब के निर्माण, बिक्री व तस्करी पर रोक लगाने के लिए टोल फ्री नंबर 18001805331 के साथ 5 अंकों का एक नया टोल फ्री नंबर 14405 भी जारी किया है। इसके साथ आबकारी विभाग ने एक व्हाट्सएप नंबर 9454466019 भी जारी किया है। शिकायतकर्ता अवैध शराब के खिलाफ उक्त नंबरों पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा।