कम्पोजिट विद्यालय, विचारपुर के 125 व राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, कांधनी के 400 बच्चों ने वन्यजीव संरक्षण के महत्व को जाना और समझा
इटावा पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम के तहत आज वन्यप्राणि सप्ताह के अंतिम दिवस के अवसर पर कम्पोजिट विद्यालय, विचारपुरा के बच्चों ने आसपास पाये जाने वाले वन्यजीवों के महत्व को समझा और उनके संरक्षण की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम में संस्था ओशन के महासचिव, वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी ने बच्चों को यमुना चंबल नदियों में उपस्थित घड़ियाल,मगर,कछुओं,
पक्षियों सहित इटावा लॉयन सफारी पार्क में मौजूद बब्बर शेरों, तेंदुए, भालू, हिरन, आदि के बारे में व उनके विशेष महत्व की जानकारी प्रदान की । साथ ही उन्होंने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अन्तर्गत पॉलीथिन प्रदूषण से बचने के लिये पॉलीथिन व खाली प्लास्टिक बोतलों से इको ब्रिक्स बनाने की भी सम्पूर्ण जानकारी दी। प्रधानाध्यापिका शकीला बानो ने कहा कि, आज के इस जागरूकता कार्यक्रम में बच्चों ने विभिन्न विषयों की बेहद ही महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की जिसके लिये हम संस्था ओशन के महासचिव डॉ आशीष के आभारी है। कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक शकीला बानो, सहा0 अध्यापक सीमा शुक्ला,प्रीति दीक्षित,मीना कुमारी,सत्यवीर यादव,ब्लॉक स्काउट मास्टर डॉ पीयूष दीक्षित उपस्थित रहे। इसी क्रम में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय कांधनी आयोजित वन्यजीव प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चो ने वन्यजीवों के विषय मे डॉ आशीष से कई सवाल किये और जानकारी ली।
बच्चों ने अपने आसपास पाये जाने वाले सर्पों व अन्य जैवविविधता को समझा। डॉ आशीष ने बताया कि, भारत मे पाये जाने वाले विभिन्न सर्पो में हमारे आस पास केवल बिग फोर ही जहरीले है बाकी सभी विषहीन ही है व किसान मित्र ही है । हमे अपनी प्रकृति की खाद्य श्रृंखला को यथावत बनाये रखने के लिये सभी वन्यजीवों को पूरा सम्मान देना ही होगा व उन्हें लगातार संरक्षित भी करना होगा। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि जिला शिक्षा प्रमुख एवं रा0 आ0 प0 वि0 के प्रधानाचार्य डॉ निर्मल चन्द्र बाजपेई ने कहा कि,
आज वन्यजीव सप्ताह के अंतिम दिवस मे वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ अशीष त्रिपाठी ने चम्बल सेंचुरी के वन्यजीवों घड़ियाल कछुओं के बारे में जानकारी दी जो भविष्य में इन बच्चों के लिये एक मील का पथ्थर साबित होगी। आज बच्चों ने इकोसिस्टम को समझा और संस्था ओशन के माध्यम से वन्यजीवों को बचाने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि,इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण एवं हमारे समाज के लिये बेहद ही आवश्यक है