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कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ बोलना इस देश के राष्ट्रपति को पड़ा भारी, खिसकने वाली है कुर्सी

कश्मीर मसले पर भारत के खिलाफ बोलने वाले तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोगान की दिक्कतें बढ़ती दिख रही हैं। 2023 में तुर्की में राष्ट्रपति के चुनाव होने को हैं और इससे पहले एर्दोगान की लोकप्रियता में लगातार गिरावट जारी है। एर्दोगान की जस्टिस एंड पार्टी के खिलाफ छह विपक्षी पार्टियां एक साथ हो चुकी हैं और ओपिनियन पोल्स में जस्टिस एंड पार्टी का वोट शेयर लगातार घटता जा रहा है।

पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स मूरत येतकिन बताते हैं कि तुर्की में विपक्ष कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहा है जिसे पहले कभी नहीं आजमाया गया है। ये लोग सत्ताधारी पार्टी को हटाने के लिए एकजुट हो हैं।

हाई इन्फ्लेशन रेट, बेरोजगारी, कोरोना वायरस महामारी, आर्थिक संकट और जंगल की आग से निपटने की आलोचना के बीच एर्दोगन सरकार के लिए समर्थन कम हो रहा है।

हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर विपक्षी गठबंधन एर्दोगान पर निशाना साधते रहते हैं और अपनी नीतियों को लेकर जनता को जागरूक करने में कामयाब रहते हैं तो सत्ता में आ सकते हैं।