प्रयागराज में यूपीएससी की तैयारी कर रहा छात्र एसटीएफ का फर्जी एसपी बनकर स्कूल में जांच करते हुए पकड़ा गया। पीड़ित शिक्षक की शिकायत पर एसटीएफ ने फर्जी आईपीएस को सिविल लाइंस से गिरफ्तार कर लिया। उसे आईपीएस की ड्रेस में पकड़ा गया। एसटीएफ उससे पूछताछ कर रही है।
कौशाम्बी के सुशील कुमार की फतेहपुर के धाता में प्राथमिक विद्यालय में तैनाती है। शुक्रवार को उसके स्कूल में रविंद्र पटेल नाम से एक फर्जी पुलिस अफसर पहुंचा। उसने बाकायदा आईपीएस की वर्दी पहनी थी। स्कूल में मौजूद शिक्षक राजेश कुमार से कहा कि वह लखनऊ एसटीएफ का एसपी रविंद्र कुमार पटेल है। स्कूल की कुछ शिकायतें मिली हैं। इसकी जांच करने आया है। फर्जी आईपीएस ने रजिस्टर लेकर शिक्षकों की हाजिरी जांची। उसकी फोटो कॉपी भी ले ली, साथ ही जांच शुरू होने की रिसीविंग दी। इसके बाद वहीं से शिक्षक सुशील कुमार को कॉल किया। कहा कि आप शिक्षक कैसे बन गए। जब आप बीएससी कर रहे थे तभी आप का शिक्षा मित्र में चयन हो गया। इस तरह से सवाल पूछा और बयान के लिए प्रयागराज बुलाया। कहा कि वह पुलिस हेड क्वार्टर के गेस्ट हाउस में रुका है। फिर फोन कर कहा कि हाईकोर्ट के पास आओ। राजेश कुमार और सुशील कुमार हाईकोर्ट पहुंचे लेकिन वहां फर्जी आईपीएस नहीं आया तो इन्हें शक हुआ।
पुलिस में कुछ जानने वालों से पता किया तो पता चला कि कोई फर्जीवाड़ा कर रहा है। सीओ एसटीएफ नवेंद्र सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर सुशील और राजेश ने सिविल लाइंस में एफआईआर दर्ज कराई। रविवार को फर्जी आईपीएस ने हाईकोर्ट के पास मिलने बुलाया तो घेराबंदी करके एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि रविंद्र पटेल का असली नाम विपिन चौधरी है। वह महेवाघाट, कौशाम्बी में रहता है। उसकी मां शिक्षिका है। पिता से अलगाव हो चुका है। उसने बताया कि वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है। रुपये कमाने के लिए फर्जी आईपीएस बना था। 500 रुपये में ओला बुक करके वर्दी पहनकर निकला था। एसटीएफ उसकी बातों का सत्यापन कर रही है।