ऊसराहार
लखीमपुर कांड को लेकर किसान संगठन के नेताओं ने भरतिया पुलिस चौकी के सामने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री का पुतला फूंक दिया, पुतला फूंकने से पहले मुख्यमंत्री के पुतले के साथ किसानों में शामिल अराजक तत्वों ने मुख्यमंत्री के पुतले के साथ जमकर अभद्रता की, मामले की जानकारी होने पर प्रशासन में हडकंप मच गया अब प्रशासन अराजक तत्वों को चिन्हित कर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में जुटा है।
लखीमपुर कांड को लेकर किसान सभा के आव्हान पर सैंकड़ों की संख्या में किसान भरतिया पुलिस चौकी के सामने चौराहा पर किसान नेता नाथूराम यादव, विश्राम सिंह यादव के नेतृत्व में एकत्रित होकर नारेबाजी करने में जुट गये, यह लोग अपने साथ प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री का पुतला लाए थे भीड़ में शामिल लोगों ने नारेबाजी करते हुए लखीमपुर की घटना पर आक्रोश जताते हुए पुतले फूंक दिए इस दौरान मुख्यमंत्री के पुतले के साथ अराजक तत्वों ने जमकर अभद्रता की जिसका वीडियो वायरल हो गया पुतले फूंके जाने और मुख्यमंत्री के पुतले फूंके जाने के दौरान मौके पर पुलिस पहुंची जिस पर किसान नेताओं से पुलिस की नोकझोंक भी हुई लेकिन पुलिस किसान नेताओं को पुतले फूंकने से रोक नहीं पाई इस सम्बंध में किसान नेता नाथूराम यादव एंव विश्राम सिंह यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के पुतलों को फूंके गये किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है जिसके विरोध में प्रदर्शन किया गया है इस मौके पर श्यामवीर यादव आदेश यादव शेखर यादव सुभाष यादव पुष्पेन्द्र कुमार आदि लोग मौजूद रहे वहीं मुख्यमंत्री के पुतले के साथ की गई अभद्रता के मामले में वीडियो वायरल होने के बाद हडकंप मच गया पहले जहां थानाध्यक्ष ऊसराहार पुतले की जगह पुआल जलाने की बात कह रहे थे वहीं वीडियो वायरल होने के बाद मौके पर क्षेत्राधिकारी भरथना साधुराम, उपजिलाधिकारी ताखा सत्यप्रकाश मिश्रा भी पहुंचे इस सम्बंध में थानाध्यक्ष ऊसराहार गंगा दास गौतम का कहना है कि पुतला फूंकने में मुख्यमंत्री के पुतले के साथ अभद्रता करने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है मामले में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
ऊसराहार
किसान नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के पुतले फूंकने की घोषणा पहले ही कर दी गई थी जिसके बाद 8 बजे के करीब ही काफी संख्या में लोग भरतिया चौराहे पर एकत्रित होने लगी थी लेकिन इसके बाद भी प्रदेश में अति संवेदनशील चल रहे मामले को लेकर गंभीरता नहीं बरती गई थी और कुछ समय बाद ही न ही प्रधानमंत्री गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के पुतले फूंक दिए गए बल्कि मुख्यमंत्री के पुतले के साथ जमकर अभद्रता की गयी