देश में जातिगत आधारित जनगणना की मांग के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ओबीसी की अलग जनगणना की मांग की है. पूर्व सीएम मायावती ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को समर्थन देने की भी बात कही है.
मायावती ने ट्वीट किया, “देश में ओबीसी समाज की अलग से जनगणना कराने की मांग बसपा शुरू से ही करती रही है तथा अभी भी बसपा की यही मांग है और इस मामले में केंद्र की सरकार अगर कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो फिर बसपा इसका संसद के अन्दर व बाहर भी समर्थन जरूर करेगी.”
देश में आखिरी जाति आधारित जनगणना आजादी से पहले साल 1931 में हुई थी. इसी आंकड़े के आधार पर बताया गया है कि देश में ओबीसी आबादी 52 फीसदी है.
इसी बात ख्याल रखते हुए उसने धार्मिक स्थलों से प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत की है। हालांकि उसने इस सम्मेलन को ब्राम्हण बाहुल क्षेत्रों में न जाकर धार्मिक स्थान को चुना है। उसे लगता है, इससे बड़ा संदेष जाएगा।