जसवंत नगर(इटावा)। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा धड़ाधड़ हो रही बच्चों की असमय मौतों पर अब तक कोई कदम न उठाए जाने से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा। स्वास्थ्य विभाग पैथोलॉजिक जांचों का सहारा लेते यह साबित करने में अपनी इतिश्री मान रहा कि अमुक मौत डेंगू से नही हुई है।
डेंगू, वायरल, मलेरिया अथवा अन्य किसी बीमारी से मौत का तांडव चल रहा,तो इन्हें रोकने की जिम्मेदारी प्रशासन की ही तो बनती है।मगर प्रशासन सक्रिय होने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे है।
जसवंतनगर में सितंबर महीने से हर रोज बच्चों और किशोरों की मौतें हो रही हैं। इनका आंकड़ा आज हुई कोल्ड स्टोर एवम आरामशीन व्यवसायी रामनरेश यादव ‘पप्पू’ के सेंट पीटर्स में पढ़ने वाले कक्षा 9 के छात्र व13 वर्षीय बेटे शिवम की मौत के साथ 25 तक पहुंच गया।शिवम की मौत तो बुखार आने के 20 घण्टे के अंदर-अंदर हो गयी।
जानकारी के मुताबिक अब तक
खेड़ा बुजुर्ग में 2 की, धौलपुर खेड़ा ,कोकावली में2-2 ,नगला तौर में 1,बलरई में 3,नगर के लुधपुरा में3,नगला अर्जुन में3,केस्थ में 1,नगला विशुन ,मलाजनी 2, कुंजपुरा में 1 की जान पिछले एक महीने में गयी है। यह आंकड़े अखवारों के अनुसार हैं, जबकि इससे ज्यादा मौतें और हुई हैं।
डॉक्टर्स भी जांचों पर निर्भर
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यकायक बुखार और उसके बाद हालत बिगड़ने पर लोग अपने मरीज को डॉक्टर्स के यहां लेकर पहुंचते।पहले तो मरीजों की भीड़ के चलते घण्टों बाद नम्बर आता, फिर डॉक्टर पहले बुखार उतारने की दवा देते और टेस्ट की फहरिस्त थमा देते।बुखार दवा से नहीं जाता व टेस्ट की रिपोर्ट 24 और 36 घण्टों के बाद आती , तब तक मरीज मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाते।
पैथोलॉजी सेंटर्स भी अविश्वसनीय
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ज्यादातर अनौथोरायज्ड पैथोलॉजी सेंटर्स कार्यरत होने की वजह से उनकी जांच रिपोर्टें अविश्वसनीय हैं। ऐसे सेंटर मरीजों को लूटने के साथ डॉक्टर्स की मिलीभगत के तहत डेंगू की रिपोर्ट के मनमाने रुपये वसूलने में जुटे हैं। प्लेटिलेट्स काउंट भी भिन्न-भिन्न बता रहे। ऐसे पैथोलॉजी सेंटर धड़ल्ले से कार्यरत हैं, जिससे मरीजों की जान जोखिम में और भी ज्यादा हो गयी है। प्रसाशन ने एक दो जगह छापे मारकर पिछले दिनों इतिश्री भले ही की, मगर धडल्ले से अब भी चल रहे और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे।
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ सुशील कुमार का कहना है कि क्षेत्र में हुई प्रत्येक मौत को डेंगू नही कहा जा सकता। जो सेम्पल सैफई मेडिकल कालेज से डेंगू जांच में कन्फर्म हो कर आते हैं, उन्हें डेंगू के तहत इलाज के लिए सैफई रेफर किया जाता है। पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग छिड़काव कराने में जुटा है।