धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या की गई थी। ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा ने जानबूझकर जज को ऑटो से टक्कर मारी, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। बुधवार को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित करते हुए सीबीआई ने दोनों के खिलाफ यह आरोप लगाया है।
सीबीआई ने चार्जशीट में दोनों पर हत्या करने के साथ-साथ साक्ष्य छिपाने का भी आरोप लगाया है। लखन वर्मा और राहुल वर्मा ने किसके कहने पर जज की हत्या की, इसका जिक्र आरोपपत्र में नहीं है। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट सौंपते हुए अनुसंधान जारी रखने की बात कही है। सीबीआई को ऑटो चालक और उसके सहयोगी खिलाफ कई सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि दोनों ने मिलकर एडीजे की हत्या की। सप्लीमेंट्री चार्जशीट में साजिश रचने वालों के नामों का खुलासा हो सकता है।
23 सितंबर को ही हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पेश हुए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर शरद अग्रवाल ने बताया था कि एडीजे को जानबूझ कर टक्कर मारी गई है। हालांकि जज की इरादतन हत्या के संबंध में कोई सबूत या गवाह का जिक्र नहीं किया गया था। अब आरोप पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि सीबीआई के अनुसंधान में दोनों के खिलाफ इरादतन हत्या के ठोस सबूत मिले हैं।
28 अक्टूबर तक सौंपनी थी चार्जशीट
29 जुलाई की सुबह पांच बजे रणधीर वर्मा चौक के पास मॉर्निंग वॉक से लौट रहे जज उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर मारी गई थी। एसएनएमएमसीएच में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। 29 जुलाई की देर रात ही धनबाद पुलिस ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों के खिलाफ 90 दिनों के अंदर यानी 28 अक्टूबर तक न्यायालय में चार्जशीट सौंपनी थी। समय सीमा से एक सप्ताह पूर्व ही सीबीआई ने कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित कर दिया।