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शाजिश या षडयंत्र : मथुरा जनपद में मात्र 31 ही पत्रकार हैं

 

मथुरा। भारत देश तीन स्तम्भों पर चलता रहा है लेकिन तीन स्तम्भ और जनता की बीच की खाई को पाटने वाले अघोषित चौथे स्तंभ जिसे लोग मीडिया के नाम से जानते हैं उसका मथुरा में किस तरह शोषण कर लगाम लगाने के लिए शासन व प्रशासन जिला सूचना कार्यालय को आगे कर शाजिश व षणयंत्र रच रहा है लेकिन स्यवंभू पत्रकार संगठनों के माननीयों के मुंह में दही जम गया है ।
दरअसल 15 सितम्बर 2021 को कुछ तथाकथित यूट्यूब चैनल वाले पत्रकार और पुलिस अवैध बसूली करते हुए पकड़े गए थे जिसमें आईजी जोन आगरा की प्रमुख भूमिका निभाई गई बताई जाती है पकड़े गए सभी लोग जिला कारागार में निरुद्ध हैं। इस सम्बंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा के द्वारा पत्र संख्या एसटीई – शासन – बी (59) 21 दिनांकित 25 सितम्बर 2021 को एक पत्र लिखा गया जिसके माध्यम से अपर मुख्य सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन अवनीश अवस्थी शिकायत कर्ता विनीत चौधरी पिता का नाम गायब निवासी 223/173 ज्योति नगर मथुरा के प्रार्थना पत्र को प्रेषित करते हुए जांच कर आवश्यक कार्यवाही कराये जाने के निर्देश देते हुए एसपी सिटी मथुरा से आख्या उपलब्ध कराए जाने की उपेक्षा की गई बताई थी। इस सम्बंध में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार के नाम से सम्बोधित पत्र में यह भी उल्लेखनीय किया गया जनपद में फर्जी पत्रकारों की बाढ़ आई हुई है इनके पास कोई शैक्षिक योग्यता नही है अधिकतर लोग आपराधिक प्रवृत्ति के हैं जो यूट्यूब चैनल बनाकर पत्रकारिता की आड़ में थानों को घेरे रहते हैं व 20 से 25 पत्रकारों झुंड हर समय मौजूद रहता है थाना राया का मनोज पुत्र दाऊदयाल निवासी कटेला इनका मुखिया है।
एसपी सिटी मथुरा ने अपनी आख्या में स्पष्ट उल्लेख किया कि उनके द्वारा छानबीन कराई गई तो नगर क्षेत्र के किसी भी थाना क्षेत्र में कोई फर्जी पत्रकार सक्रिय हो उनके संज्ञान में नहीं आया।
एसपी सिटी मथुरा द्वरा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा को दिनांक 19 अक्टूबर को दी गई आख्या के अनुसार उन्होंने जब सूचना विभाग मथुरा से जनपद के पत्रकारों की सूची मांगी गई तो सूचना विभाग ने मात्र 31 मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची उपलब्ध कराई गई है जब कि एसपी सिटी के मोबाइल फोन में ही 31 से अधिक मात्रा में पत्रकारों के नम्बर सेव हैं ऐसे में जो एक बहुत बड़ा उपहास है अपनी आख्या में दिया गया है वो निहायत ही अशोभनीय है। दूसरा आगरा से प्रकाशित तीन प्रमुख समाचार पत्रों के ही करीब 60 से अधिक मात्रा में पत्रकार हैं उसके अलावा अन्य समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों के तमान पत्रकार मौजूद हैं वहीं सूचना विभाग मथुरा द्वारा बनाये गए शोशल मीडिया ग्रुप में खुद सूचना विभाग ने 200 से अधिक पत्रकारों को ग्रुप में जोड़ रखा है लेकिन उनकी कोई मौजूदगी नही दर्शाया जाना एक शाजिश व षणयंत्र की तरफ स्पष्ट ईशारा है।
जिन 31 पत्रकारों को मान्यता प्राप्त पत्रकार घोषित किया गया है उनमें से 60 प्रतिशत तक अधिक पत्रकारों के संस्थानों के लोगों के नाम तक पब्लिक ने शायद ही सुने हों लेकिन खेल के चलते जो जी हुजूरी व समय समय पर मिठाई के साथ खटाई उपलब्ध कराता है वो ही सूचना विभाग के अनुसार पत्रकार है अन्यथा नही है जबकि ग्राम पंचायत चुनाव से लेकर लोक सभा चुनाव तक कवरेज करने के लिए जो जिला प्रशासन पास निर्गत करता है उनकी संख्या भी सैकड़ों में होती है लेकिन जब पत्रकारों की सूची सिर्फ 31 ही रह जाती है। अब इनसे कौन कहे कि भाई ऐसा क्यों है तो प्रशासन से लेकर सूचना विभाग तक खामोशी ओढ़ लेता है। एसएसपी ऑफिस पर दर्जनों पत्रकार मौजूद रहते हैं और सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न की यूट्यूब चैनल के पत्रकारों को अधिकारी खुद बुलाकर अपनी वाईट देते हैं तब फर्जी बाड़ा कहाँ चला जाता है जो अब एसपी सिटी मथुरा ने अपनी आख्या में वर्णित की हैं। हॉ यह दीगर बात है कि जब से मीडिया घरानों का व्यवसायीकरण हुआ है और शोशल मीडिया का वर्चस्व बड़ा है तब से पत्रकारिता एक मिशन की जगह उद्योग जगत बन गया है पैसे के बल पर हर कोई व्यक्ति पत्रकार बनने की दौड़ में शामिल है और पत्रकार बनता घूम रहा है जिसमें से अधिकांश अपना नाम लिखना नही जानते हैं लेकिन येनकेन प्रकरेण खबरें प्रकाशित कर दिया करते हैं और आकंठ दलाली लूट खसोट में लगे हुए हैं लेकिन जो वास्तव में कलमकार हैं उनकी मिट्टी पलित हो गई है क्योंकि वो खबर जुटाने से लेकर लिखने तक मे इतने व्यस्त रहते हैं कि उनको कहीं जाने को समय ही नही होता। दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा वो लोग हैं जो अपने आपको पत्रकार संगठनों के पदाधिकारी व आका कहते फिरते हैं लेकिन जब से एसपी सिटी मथुरा का पत्र वायरल हुआ है कोई भी दिखाई नहीं दे रहा है सबके सब बिलों में दुबक गए हैं सबके मुंह में दही जम गया है क्या इसी तरह कोई संगठन चलाया जाता है क्या ?
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह कि अगर कोई व्यक्ति किसी मीडिया संस्थान में कार्य कर रहा है और उसके विरुद्ध कोई शिकायत आती है तो पुलिस सीधी प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज नही कर सकती अपितु जांच कर दोषी पाए जाने पर एलआईयू व अन्य जगह से ठीक उसी प्रकार अनुमति लेनी पड़ती है जैसे किसी सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध मुकद्दमा दर्ज करने से पूर्व लेनी पड़ती है लेकिन इन स्यम भू पत्रकार माफिया ग्रुपों के पदाधिकारियों ने अधिकारियों के तलुवे चाट चाट कर निरंकुश बना दिया है जिसका परिणाम आज जिस किसी पत्रकार ने आवाज बुलंद की उसी के विरुद्ध कोई न कोई मुकद्दमा दर्ज हो जाता है और यह सयम भू अपना चेहरा चमकाने को तहसील व जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करते नजर आते हैं लेकिन जब आज पत्रकारिता व पत्रकारों की असम खुले आम लूट रही है तो मुंह में दही क्यों जमा हुआ है ????

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अवैध हथियार तस्करी की बड़ी मण्डी बना मथुरा, पुलिस कार्यवाही में हुए हैं खुलासे

जनपद में अवैध तमंचे सहित पिस्टल, रिवाल्वर हो रहे हैं बरामद

बुधवार को एक देसी रिवाल्वर, दूसरा पिस्टल के साथ दो आरोपी गिरफ्तार

थाना बरसाना पुलिस ने देसी रिवाल्वर के साथ दबोचा युवक

थाना महावन पुलिस ने देसी पिस्टल के साथ किया गिरफ्तार

मथुरा । भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में पुलिस लगातार अवैध हथियारों को बरामद कर रही है, अब 315 और 12 वोर के तमंचे से बात आगे बढ चुकी है, लम्बे अरसे से पुलिस कार्यवाही में पिस्टल व रिवाल्वर के साथ भी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा हैं ।
थाना महावन क्षेत्र अंतर्गत गांव किशनपुर में पूर्णमासी को रावण दहन का मेला लगा हुआ था, मेले में भीडभाड के साथ ही पुलिसकर्मी भी मौजूद थे, इसी बीच एक युवक देसी पिस्टल लेकर पहुंच गया, रौब गांठने के लिए वह पिस्टल को लहराने से भी नहीं चूका, सूचना पर महावन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, थानाध्यक्ष महावन त्रिपुरेश कौशिक ने बताया कि माधव पुत्र सुशील निवासी खेरिया थाना महावन को
गिरफ्तार कर लिया गया है, जसके कब्जे से एक अवैध देशी पिस्टल और दो जिन्दा कारतूस 0.32 बोर बरामद हुए हैं, आर्म्स एक्ट पंजीकृत कर जेल भेजा गया है ।
थाना बरसाना पुलिस ने एक युवक को देसी रिवाल्वर तथा महावन पुलिस ने एक युवक को देसी पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया, बरसाना थाने पर तैनात उप निरीक्षक सिंहराज सिंह ने बताया कि आकाश पुत्र लूला निवासी ऊँचागाँव थाना बरसाना को एक देसी रिवाल्वर 32 बोर, दो जिन्दा कारतूस 32 बोर के साथ गिरफ्तार किया है, वहीं सोनू पुत्र तोताराम निवासी फिरोजपुर झिरका थाना फिरोजपुर जिला नूंह (हरियाणा) से एक चाकू बरामद हुआ है, आर्म्स एक्ट में दोनों के खिलाफ कार्यवाही की गई है ।
मथुरा हथियारों की खरीद-फरोख्त की बड़ी मंडी बन गई है, अवैध हथियार के धंधे में मथुरा का पहले भी नाम आता रहा है, अवैध हथियारों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है, मथुरा में कई बार हथियार बनाने की फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं, हथियार तस्करों की पुलिस से मुठभेड़ भी हुई हैं, इसमें एक सिपाही और दो राहगीर मारे गए थे, एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही घायल हुए थे ।
मथुरा में अवैध हथियारों की धरपकड की कार्यवाहियों की लम्बी फेहरिस्त
5 अप्रैल : थाना बरसाना क्षेत्र के गांव हाथिया में अवैध हथियार फैक्ट्री पकड़ी गई, 12 बोर बंदूक, तीन तमंचा 315 बोर, 11 कारतूस 12 बोर, नौ कारतूस 315 बोर बरामद किए गये
9 अगस्त : हाईवे पुलिस और एसओजी ने दो हथियार सप्लायर सगे भाई गिरफ्तार किए थे जिनके कब्जे से सात तमंचे और 40 कारतूस बरामद किये थे, यह फेसबुक पर तमंचे की फोटो डालकर मैसेंजर एप के जरिए असहला बेचा करते थे
25 अगस्त : जनपद निवासी अली हुसैन (30) को एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड) ने गिरफ्तार किया था, आरोपी के पास से पांच पिस्टल, सात कारतूस, तीन अतिरिक्त मैगजीन और वारदात में इस्तेमाल एक बाइक बरामद की गई थी, दिल्ली-एनसीआर के अलावा मेवात, हरियाणा, राजस्थान व कई राज्यों में हथियार सप्लाई कर रहा था, इसका पिता हाजी मूसा हथियारों का बड़ा तस्कर है ।
14 जनवरी 2017 : थाना गोवर्धन क्षेत्र के गांव महरोली में पुलिस ने हथियारों का जखीरा पकडा था, उस समय तक हाथिया गांव में पुलिस घुसने से डरती थी, यहां से कई लोगों को हिरासत में लिया गया था
30 मार्च 2018 : बरसाना थाना क्षेत्र के एक गांव में छापेमारी कर अवैध रूप से हथियार बनाने वाली एक फैक्ट्री पकड़ी थी, पुलिस को 315 बोर की एक राइफल, एक देसी तमंचा और 15 कारतूस, 12 बोर की दो देसी बंदूक, 10 कारतूस और देसी शराब के 2200 पाउच मिले थे, पांच लोगों को हिरासत में लिया था .
30 जून 2020 : थाना कोसीकलां क्षेत्र के गांव सिरोली में हथियार तस्करों से मुठभेड़, इसमें गांव हथाना निवासी राहगीर अमर सिंह मौत हो गई, सब इंस्पेक्टर अजय अवाना घायल हुए थे ।
वर्ष 2013 : तत्कालीन एसपी देहात शगुन गौतम के नेतृत्व में कोसीकलां के ऊटावर गांव में अवैध हथियारों की फैक्ट्री पकड़ी गई
30 मई 2013 : नक्सलियों से हथियार लेकर आये खुल्ली का पीछा करते हुए थाना बरसाना के गांव हाथिया पहुंची आगरा की एसओजी पर हथियार तस्करों ने फायरिग की, सिपाही सतीश परिहार और एक ग्रामीण की गोली लगने से मौत हो गई थी ।
वर्ष 2009 : लोकसभा चुनाव से पूर्व थाना बलदेव क्षेत्र के यमुनापार और बलदेव खादर से हथियारों की खेप बरामद हुई थी, इसमें एके-47 भी मिली थी,
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