सागर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल सागर का कार्य शून्य के बराबर है सागर जिले में सैकड़ों की संख्या में चल रहे स्टोन क्रेशर प्रदूषण विभाग से अनुमति ले लेते हैं जिसके बाद धड़ल्ले से प्रदूषण बोर्ड के नियमों का पालन न करते हुए क्रेशर का संचालन करते रहते हैं अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं होता है केवल प्रमाण पत्र जारी होने के बाद अधिकारी द्वारा क्रेशरो का निरीक्षण नहीं किया जाता है जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है सागर जिले के अंतर्गत देवरी केसली बंडा सागर आदि क्षेत्र में स्टोन क्रेशर संचालित है धूल के गुब्बारे गांव एवं नेशनल हाईवे पर उड़ते रहते हैं पूरे में वातावरण प्रदूषित हो रहा है लेकिन अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है इसी प्रकार पंजीकृत एवं गैर पंजीकृत क्लीनिक नर्सिंग होम फैक्ट्रियां द्वारा अवशिष्ट पदार्थ जहां-तहां डाला जाता है उक्त मामले में पंजीकृत क्लीनिक को प्रदूषण बोर्ड द्वारा अनुमति मिल जाती है लेकिन वह है उनके नियमों का पालन नहीं करते क्योंकि अधिकारी निरीक्षण करने नहीं आते और घर बैठे ही सब कार्य चलता रहता है
क्षेत्रीय अधिकारी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं अधिकारी द्वारा समय-समय पर निरीक्षण के अभाव में मनमर्जी से स्टोन क्रेशर निजी क्लीनिक सहित अन्य प्रदूषित इकाइयां कारखाने चलते रहते हैं केवल प्रमाण पत्र जारी और कमीशन के खेल में कोई भी कार्यवाही नहीं होती अनुमति या जारी कराने के लिए स्टोन क्रेशर संचालक द्वारा अधिक राशि खर्च की जाती है तब कहीं जाकर अनुमति मिलती है