तमाम कोशिशों के बाद भी बुखार काबू नहीं हो पा रहा है। बुखार के मरीजों को जहां भी इलाज मिल रहा है, वह कराकर स्वस्थ्य होने के लिए जद्दोजहद करने में जुटा है। ऐसे में गांवों में फैले बुखार के पीड़ित प्राइवेट चिकित्सकों की शरण में है। शहर से सटे गांव में एक अनौखे ढंग से चिकित्सा सेवाएं दी जाती नजर आईं। जहां जंगल में ‘अस्पताल और पेड़ की छांव में पलंग पर मरीजों का इलाज चल रहा था।
यहां इलाज दे रहे चिकित्सा कर्मियों की मानें तो एक दर्जन मरीज रोजाना बुखार के आते हैं। ये नजारा है अमांपुर रोड मंडी से सटे गांव वजीरपुर का। जंगल में एक पुराने भवन के परिसर में डॉक्टर एके खान की देखरेख में उनके कर्मचारी मरीजों का इलाज कर रहे थे। खुले वातावरण में पेड़ की छाव में एक के बाद एक फोल्डिंग पलंगों पर कई एक दर्जन मरीजों का इलाज चल रहा था। मरीजों में सभी बुखार से पीड़ित हैं। जिन्हें इंजेक्शन मिश्रित बोतलें चढ़ाई जा रही थीं।