दुनिया को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए जल्द कड़े फैसले नहीं हुए तो विश्व की शक्तिशाली आर्थिक शक्तियां वर्ष 2050 तक पूरी तरह तबाह हो सकती हैं। ग्लासगो में कॉप26 बैठक से ऐन पहले यूरो मेडिटेरियन सेंटर ऑन क्लाइमेंट चेंज (सीएमसीसी) ने अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए ये चेतावनी दी है।
इटली के रिसर्च सेंटर सीएमसीसी की रिपोर्ट के अनुसार ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए कोई फैसला नहीं लिया गया तो अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, ब्राजील, मेक्सिको, जापान, चीन और रूस जैसी शक्तिशाली आर्थिक शक्तियां पूरी तरह तबाह हो सकती हैं।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण जी20 देश 2050 तक अपनी अर्थव्यवस्था के कुल उत्पादन में चार फीसदी का नुकसान उठाएंगे। यही नहीं वर्ष 2100 तक ये नुकसान बढ़कर आठ फीसदी तक हो जाएगा। मालूम हो कि जी20 देश वैश्विक स्तर पर 80 फीसदी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के जिम्मेदार हैं।