उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में पिछले एक महीने में जीका वायरस के 105 मामले मिले हैं, जबकि 17 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिक जानकारी दी है.
उन्होंने कहा है कि जीका वायरस से उत्पन्न स्थिति से पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है, इसको नियंत्रित किया जा सकता है. उसीएम योगी ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा, ‘हमारी निगरानी समितियां घर-घर जाकर जीका वायरस के लक्षणों वाले व्यक्तियों को चिह्नित कर रही हैं. सभी संस्थाएं अपना कार्य सुचारू रूप से कर रही हैं.’
जीका वायरस से फैलने वाली बीमारी का प्रसार एडीज मच्छर द्वारा होता है. यह मच्छर की वहीं प्रजाति है जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसे खतरनाक वायरस का प्रसार होता है. जीका वायरस की पहचान सबसे पहले साल 1947 में युगांडा के बंदरों में हुआ था. वहीं इंसानों में इस वायरस के बारे में साल 1952 में पता चला था.