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मैनपुरी – मानव जीवन मे यज्ञ का बड़ा महत्व : अनिल गुरु जी महाराज

मानव जीवन मे यज्ञ का बड़ा महत्व : अनिल गुरु जी महाराज

मैनपुरी । महर्षि मार्कंडेय की तपोभूमि पर संवेदना फाउंडेशन द्वारा 51 कुंडीय संवेदना महायज्ञ का आज समापन हुआ। यज्ञ समारोह में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर मंत्रोच्चारण से पूर्णाहुति दी।

समापन अवसर पर राष्ट्रीय जय मां काली सेना के अध्यक्ष अनिल गुरु जी महाराज ने भक्तों को दिए संदेश में कहा यज्ञ का महत्त्व वैज्ञानिकों ने भी माना है यज्ञ में प्रयोग की जाने वाली हवन सामग्री से के प्रयोग से शरीर में व्याप्त तमाम बीमारियों का समूल नाश होता है। वही यज्ञ से मानव को आत्मिक शक्ति मिलती है पुराने समय में ऋषि मुनि नियमित सुबह यज्ञ करते थे और इसी का प्रभाव था कि वह सालों जीवित रहते थे। संवेदना फाउंडेशन के चेयरमैन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ धर्मवीर सिंह राही द्वारा महर्षि मार्कंडेय की तपोभूमि पर आयोजित 51 कुंडीय संवेदना यज्ञ में तमाम ऋषियों ने भाग लिया और यज्ञ में पधारे भक्तों को आशीर्वाद दिया। संवेदना महायज्ञ में 131 वर्षीय तपस्वी स्वामी त्यागी जी महाराज ने पहुंचकर सभी भक्तों को आशीर्वाद दिया। और मंगल कामना की। स्वामी सुरेश जी महाराज आर्य गुरुकुल मथुरा स्वामी रामदेव महाराज राष्ट्रीय समाज सुधारक के निर्देशन में आयोजित एवं महायज्ञ का कार्यक्रम 2 दिन तक लगातार चला जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर हवन में आहुति दी।

अनिल गुरु जी ने मार्कण्डेय ऋषि के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महाभारत तथा रामायण काल की कई गाथाओं को समेटे महर्षि मार्कण्डेय की तपोभूमि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। महर्षि मार्कण्डेय के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपने तप से भगवान शंकर से वरदान प्राप्त करके यमराज को भी परास्त कर दिया तथा अपनी 16 साल की अल्प आयु को दीर्घ आयु में परिवर्तित करने का काम किया। यही मार्कण्ड में माता सीता ने वनवास के दिन भी कुछ समय तक व्यतीत किया था। इसी जगह विधूना गांव में भगवान कृष्ण ने विदुर के घर जूठे साग का सेवन किया था। ऐसा भी माना जाता है कि पांडवो ने अपने अज्ञातवास के दिन यहीं गुजारे थे।

महर्षि मार्कण्डेय ऋषि की पावन तपोभूमि ग्राम विधूना घिरोर में 51 कुण्डीय संवेदना महायज्ञ-2021 का शनिवार को प्रातः 51 बेटियों द्वारा कलश यात्रा निकाल कर संवेदना फाउंडेशन के नेतृत्व में स्वामी रामदेव एवं स्वामी परमानन्द सरस्वती के सानिध्य में 51 कुण्डीय महायज्ञ का आचार्य नवीन शास्त्री,देवशरण आर्य, डॉ. कमलेश आर्य, शिव सिंह बानप्रस्थी के द्वारा मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ इस अवसर पर अनुजेश प्रताप सिंह, चेयरमैन प्रतिनिधि दिनेश जाटव, आलोक गर्ग,पं.रामचन्द्र तिवारी, डॉ.महेश गुप्ता,अरवेश मौला, जयवीर सिंह तोमर,अमर सिंह फौजी, डॉ. महेश शर्मा, सन्त ज्ञानदास, शशि यादव, उमाकान्त यादव उपस्थिति रहे-!!