उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा राज्य में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले से जुड़े विवाद का हल निकालने में जुट गई है। इस संबंध में जल्द बड़ा निर्णय हो सकता है।
खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना है कि साल 2019 में हुई इस परीक्षा में आरक्षित वर्ग की आवंटित सीटें सामान्य वर्ग को दे दी गईं। अनुप्रिया इससे पहले यह मामला प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के समक्ष भी उठा चुकी हैं।
यूपी बेसिक शिक्षा परिषद ने साल 2019 में सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। परिणाम आने के बाद परिषद पर आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगा।
इससे जुड़ी प्रतियोगी परीक्षा के परिणाम आने के बाद उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी धरना दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है।