बाराबंकी। राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन को समझने के लिए मूल श्रोतों को खँगालने की जरूरत है। कई गुट थे और सभी के अलग तरह के मन्तव्य थे। उधम सिंह को जानने के लिए उनके विचारों को जानना होगा।
उक्त विचार डॉ राजेश मल्ल एशोसिएट प्रोफेसर गोरखपुर विश्वविद्यालय ने शहीद उधम सिंह क्लब उत्तर प्रदेश द्वारा खुमार एकेडमी में आयोजित उधम सिंह जयन्ती समारोह में व्यक्त किए।
प्रदीप सारंग ने अपने संबोधन में कहा कि उधम सिंह को जानना जितना जरूरी है उससे अधिक जरूरी है उनकी विचारधारा का जानना।
क्लब संस्थापक मनोज स्वतंत्र ने कहा कि उधम सिंह के विचारों, चित्र, और संकल्पों को घर घर पहुँचाना क्लब का उद्देश्य है। हम सभी ऊधम सिंह को नमन करते हुए वैचारिक बदलाव का धरातल तैयार करेंगे।
सुभाष चन्द्र के संचालन में संम्पन्न समारोह में डॉ अम्बरीष अम्बर व प्रदीप महाजन ने कविता पाठ कर भावांजलि अर्पित की।साहित्यकार पंकज कँवल, डॉ विनोद गौतम, रत्नेश गौतम, इं0 सुभाष चंद्र, दुर्गेश कुमार, राम मनोहर, हूबू लाल, बबलू कुमार, वीरेन्द्र कुमार जी ने भी सम्बोधित किया। आशाराम, यशवन्त राय, राम जियावन, याकूब, राजेश्वरी, तारादेवी, गीता, राहुल गौतम, आलोक कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।