आज दिनांक 28/12/2021 को विद्यालय में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूर्व छात्र परिषद गठन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं वंदना के साथ शुरू हुई। कार्यक्रम में विवेकानंद आदर्श शिक्षा समिति के कोषाध्यक्ष माननीय श्री रामनाथ गुप्त जी एवं सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सूर्यकुंड के प्राचार्य माननीय श्री राज बिहारी विश्वकर्मा जी उपस्थित रहे। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती रंजना त्रिपाठी जी द्वारा उपास्थित महानुभावों का परिचय दिया गया। प्राचार्य श्री राज बिहारी विश्वकर्मा जी द्वारा बताया गया कि विद्या भारती के विद्यालयों में पढ़े हुए छात्र बड़ी संख्या में समाज में प्रतिष्ठित हो चुके हैं | इन पूर्व छात्रों से सतत संपर्क बना रहे, इस उद्देश्य से सभी विद्यालयों में एवं प्रांतीय स्तर पर “पूर्व छात्र परिषदों” का संगठन सक्रिय है | इससे उनके संस्कारों का तो पुनर्जागरण होता ही है, साथ ही विद्या भारती के अनेक सेवा प्रकल्पों में उनकी व्यक्तिगत तथा आर्थिक रूप में सक्रिय सहभागिता रहती है | छात्रों में स्वभाषा हो और भारतीय विचारधारा का विकास हो। विवेकानंद जी कहा करते थे मुझे 100 मनुष्य मिल जाए तो मैं पूरे भारत का निर्माण कर दूंगा, विवेकानंद जी ने जो सपना कन्याकुमारी में देखा था, उसी सपने को साकार करने का कार्य आज विद्या भारती करती है प्राचार्य ने आगे कहा कि “Be Good, Do Good and Make Good”…
अपने अंदर अभिमान नहीं स्वाभिमान लाना चाहिए। एवम् माननीय कोषाध्यक्ष श्री रामनाथ गुप्ता जी ने पूर्व छात्र परिषद के विषय में बताते हुए कहा कि शिशु मंदिरों में संस्कारों के साथ शिक्षा दी जाती है, संस्कारों की वैज्ञानिकता तो विज्ञान ने भी प्रमाणित की है और आधुनिकता का हमारे बच्चों को, आने वाली पीढ़ियों को…अंधा अनुकरण नहीं करना चाहिए। हमारे शिशु मंदिर न केवल पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करवाते हैं, बल्कि समाज के निर्माण में योगदान के लिए भी प्रेरित करते हैं। कुछ बच्चों ने अपने अनुभव भी साझा किए।कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की वरिष्ठ आचार्य श्री मधु प्रभा त्रिपाठी जी द्वारा किया गया। एवं कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री ओ पी सिंह जी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित महानुभावों एवम् उपस्थित पूर्व छात्रों को आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी आचार्य एवं आचार्या बहनें उपस्थित रही।