Friday , October 18 2024

इटावा ईंट भट्टे पर लगे कर को वापस करने की मांग लेकर विरोध प्रकट करते एवं डीएम कार्यालय के बाहर खड़े भट्टा व्यापारी*

*ईंट भट्टों पर करों की वृद्धि को लिया जाए वापस*

*कर में वृद्धि प्रस्ताव औचित्यहीन: कुमुदेश चन्द्र*

*विरोध प्रकट करते एवं डीएम कार्यालय के बाहर खड़े भट्टा व्यापारी*

*इटावा* जनपद ईंट निर्माता समिति ने भट्टो में निर्मित लाल ईंटो पर कर दर में 600 व 240 प्रतिशत तक वृद्धि किये जाने के विरोध में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा।भट्टा व्यापारी नुमाइश चौराहा स्थित जिला कार्यालय पर एकत्र हुए जहां से *अपने हाथों में तख्तियां लेकर कर वृद्धि को वापस लो जैसे नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे* और प्रदेशीय नेतृत्व के आवाहन पर ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
*समिति के अध्यक्ष कुमुदेश चन्द्र यादव एवं महामंत्री सुरेश कुमार अरोड़ा के नेतृत्व में सौपे गये ज्ञापन में कहा गया* कि जी.एस.टी. काउंसिल की 45वीं बैठक में भट्ठों में निर्मित लाल ईंटों पर दर में बिना आईटीसी क्लेम किए 01 प्रतिशत से बढ़ाकर 06 प्रतिशत तथा आईटीसी क्लेम करने पर कर दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव 01 अप्रैल, 2022 से लागू हो जायेगा।भट्ठे की ईंटों पर दो प्रकार के अव्यवहारिक एवं अनुचित कर दर वृद्धि प्रस्ताव को वापस लिए जाने के औचित्यहीन है।
*कहा कि* ईंट भट्ठा एक ग्रामीण कुटीर सीजनल प्रकृति का उद्योग है। विगत दो वर्ष से कोरोना महामारी के कारण जहां एक ओर ईंट व्यवसाय पूरी तरह चौपट और घाटे में है,वहीं दूसरी ओर जनसाधारण का भी काम- काज बुरी तरह प्रभावित होने के कारण वित्तीय स्थिति खराब है।ऐसे हालात में जनसाधारण के निर्माण की मूलभूत आवश्यकता ईंटों पर कर दर बढ़ाने का प्रस्ताव जनविरोधी है। *मैन्युफैक्चरर्स सेक्टर के 40 लाख तक सालाना टर्नओवर व्यवसाय जीएसटी में कर मुक्त है।* जबकि काउंसिल की 45वीं बैठक में ईंट निर्माताओं के लिए 20 लाख रूपये सालाना टर्नओवर तक करमुक्त का प्रस्ताव किया गया है जो कि ईंट भट्ठा व्यापारियों के साथ घोर अन्याय है।
*बताया कि ईंट निर्माताओं के लिए* जी.एस.टी.में वर्तमान में 1.50 करोड़ टर्नओवर तक कम्पोजीशन सीमा है,जिसमें 1 प्रतिशत की कर दर है।बिना आईटीसी लिए कर दर 6 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव है तथा सामान्य रूप से ईंटों पर कर दर 5 प्रतिशत है,जिसे 12 प्रतिशत कर दिया गया है।इस प्रकार 600 व 240 प्रतिशत की कर दर वृद्धि प्रस्ताव निष्चय ही अव्यवहारिक,अनुचित एवं उद्योग व जनहित के विरूद्ध है।इसका सीधा प्रभाव ईंटों की कीमतों पर पड़ेगा।
*ज्ञापन में कहा गया* कि 90 प्रतिशत व्यापारी वाणिज्यकर समाधान योजना/जीएसटी कम्पोजीशन स्कीम के अन्तर्गत ईंटों पर ग्राहक से कर वसूल नहीं किया जाता रहा है,व्यापारी कर अपने पास से जमा करता है।इसलिए ईंटों पर इस प्रकार बिना सोच-विचार के अनुचित, अव्यवहारिक एवं मनमानी कर दर वृद्धि प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए आगामी दो सीजन वर्ष के लिये ईंट बिक्री को जी.एस.टी. में कर मुक्त घोषित किया जाये।
*ज्ञापन सौंपने वालों* में श्रीकृष्ण यादव,राकेश कुमार जैन,सूरजभान सिंह,हरीशंकर राजपूत,अरूण कुमार उपाध्याय,कौशल राजपूत,हरिशचन्द्र त्रिपाठी,विनय कुमार गुप्ता,यदुनाथ सिंह,हरीओम महेश्वरी,पंकज शुक्ला, अनिल कुमार जैन,वीरेन्द्र सिंह,चन्दन सिंह,हरिश्चन्द्र वर्मा आदि सैकड़ो भट्टा व्यवसायी मौजूद रहे।

*पीएम आवास योजना पर पड़ेगा असर*
*इटावा* ईंट भट्टा व्यवसाय पर करों पर इतनी बड़ी वृद्धि करने से गरीबों के लिए ईटों का खरीदना महंगा हो जायेगा।जिसका सीधा असर जन सामान्य को आवास सुलभ कराने की प्रधानमंत्री आवास योजना में ‘‘आपका सपना, सन 2022 में सभी का घर हो अपना’’ पर पड़ेगा। *क्योंकि ईंटों की लागत में वृद्धि होने से अपना घर का सपना सपना ही रह जायेगा