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इटावा- सैफई मेडिकल कालेज में पेशेंट किचन मेंअनियमितता की शिकायत पर संस्था की जांच की गई। जांच में 14 लोग दोषी पाए गए थे। इनमें से सिर्फ एक के ऊपर कार्रवाई हुई है। बाकी 13 लोगों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं

इटावा  सैफई मेडिकल कॉलेज में 15 साल बाद पेशेंट किचन का टेंडर निकाला गया। इससे पहले एक ही संस्था टेंडर लेते आ रही थी। अनियमितता की शिकायत पर संस्था की जांच की गई। जांच में 14 लोग दोषी पाए गए थे। इनमें से सिर्फ एक के ऊपर कार्रवाई हुई है। बाकी 13 लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बता दें कि सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में वर्ष 2006 से लगातार पेशेंट किचन का ठेका वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी केवी अग्रवाल के पिता की फर्म मैसर्स एस.सी अग्रवाल की फर्म लेते आ रही है। अनियमितता के चलते अब इस फर्म को हटाकर वित्त निदेशक ने जैम पोर्टल पर पेशेंट किचन के नए टेंडर को अपलोड कर दिया है। टेंडर अप्लाई करने की अंतिम तिथि 13 जनवरी रखी गई है।

2006 से एक ही फर्म को दिया जा रहा था टेंडर

आरोप है कि सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में 2006 से लेकर अब तक एक ही फर्म को अधिकारियों की मिली भगत से पेशेंट किचन का ठेका दिया जा रहा था। जिसके बाद प्रदीप कुमार द्वारा इस मामले में कई शिकायत दर्ज करवाई गई थी।

विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी केवी अग्रवाल के पिता एस.सी अग्रवाल की फर्म होने के नाते फर्म को अधिकारी और कर्मचारी लगातार फायदे पहुंचाते रहे, लेकिन कोरोना काल में फर्म को बिना टेंडर किए खाने के लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया।

वित्त अधिकारी ने की थी शिकायत

जानकारी होने पर वित्त अधिकारी प्रदीप कुमार इस फर्म के लिए काल बन गए और शासन के प्रमुख सचिव को शिकायत भेज दी। जिसके सापेक्ष जांच करने के पश्चात शासन ने 14 अधिकारियों और कर्मचारियों को अनियमित रूप से चल रहे टेंडर विस्तार मामले में दोषी माना और कार्रवाई के निर्देश के साथ नए टेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए।