Wednesday , November 27 2024

इटावा जेल में हुई युबक की मौत के बाद पिता की झूठी मौत की खबर से नाराज परिजनों ने लगाया जाम

भरथना

दहेज हत्या के मामले में जेल में बंद युवक की मौत के बाद उसके शव को अंत्येष्ठि के लिए ले जाने के दौरान जेल में बंद पिता की भी मौत की झूठी अफवाह से परिजनों व ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर  आक्रोश जताया। सड़क पर शव रखने से भरथना-बिधूना मार्ग करीब 25 मिनट तक अवागमन बाधित बना रहा।

सूचना पर क्षेत्रीय विद्यायक,भाजपा जिलाध्यक्ष, सपा नेताओं की मौजूदगी में मौके पर मौजूद एसडीएम,सीओ आदि द्वारा आक्रोशित परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया।

क्षेत्र के बहारपुरा गांव निवासी दीपक 22 पुत्र विश्वनाथ को बीती 2 जनवरी को उसकी पत्नी मेघा की फांसी लगाकर मौत होने के मामले में भरथना थाने में उंसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था,जिसके तहत भरथना पुलिस द्वारा तीन जनवरी को आरोपी दीपक व उसके पिता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, बृहस्पतिवार को जिला जेल में बंद दीपक की मौत होने के बाद देर शाम दीपक का शव बहारपुरा स्थित उसके आवास पर लाया गया।

शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे जब मृतक दीपक का शव अंत्येष्ठि के लिए गांव के बाहर अंत्येष्ठि स्थल ले जाया जा रहा था,उसी दौरान जिला जेल में बंद उसके पिता की मौत होने की झूठी अफवाह परिजनों व ग्रामीणों की बीच फैल गई, जिससे आक्रोशित महिला परिजनों व ग्रामीणों से बीच रास्ते मे सड़क पर शव रखकर विरोध जताने लगे,वही मौके पर पहले से ही मौजूद एसडीएम विजय शंकर तिवारी,सीओ साधूराम,एसएसआई दीपक कुमार आदि ने स्थिति को संभालने का प्रयास किया मगर परिजन जेल में बंद पिता को मौके पर बुलाने की बात पर अड़ गए,इस दौरान क्षेत्रीय विद्यायक सावित्री कठेरिया,भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत,सभासद हरिओम दुबे,पूर्व ब्लॉक प्रमुख हरिओम यादव,पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय यादव,पालिकाध्यक्ष हाकिम सिंह,पुष्पेंद्र यादव आदि कई राजनीतिक दलों के नेतायों ने आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया।

बाद में पुलिस क्षेत्राधिकारी साधुराम ने आक्रोशित परिजनों की जेल अधीक्षक के माध्यम से पिता से फ़ोन पर बात कराने पर करीब 25 मिनट तक चला घटनाक्रम शांत हो गया और शांति पूर्वक माहौल में मृतक दीपक की अंत्येष्ठि की गई।

इस मामले पुलिस क्षेत्राधिकारी साधूराम ने बताया कि मृतक दीपक का शव अंत्येष्ठि के लिए ले जाने के दौरान जेल में बंद पिता की मौत की झूठी अफवाह फैलने से परिजनों ने शव को सड़क पर रख लिया बाद में आक्रोशित परिजनों की जेल अधीक्षक से फ़ोन पर बात कराकर संतुष्ट किया गया।