कोविड-19 मामलों में मौजूदा उछाल देखते हुए ऋषि निकम का बड़ा फैसला; कलाकारी फिल्म फेस्टिवल कुछ समय के लिए स्थगित
इंदौर, 13 जनवरी, 2022: भारत के समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह के अनोखे कलाकारी फिल्म फेस्टिवल का हर वर्ष मध्य प्रदेश के देवास शहर में आयोजन किया जाता है। इसके अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों, राज्यों और देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया जाता है। लेकिन इस वर्ष होने जा रहे कलाकारी फिल्म फेस्टिवल के छठे संस्करण को मार्च तक के लिए टाल दिया गया है। भारतीय फिल्म निर्देशक और कलाकारी फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक ऋषि निकम ने हाल ही में इसकी घोषणा की। इस वर्ष का कलाकरी फिल्म समारोह 7 फरवरी को शुरू होने वाला था। लेकिन कोविड-19 मामलों में मौजूदा उछाल को मद्देनज़र रखते हुए फेस्टिवल को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इस विषय पर जोर देते हुए ऋषि निकम कहते हैं, “कला का हर रूप अपनी उचित मान्यता और पहचान का हकदार है। दुर्भाग्य से, लघु फिल्मों को उनके लंबे समकक्षों की तरह स्वीकृति और उचित सम्मान नहीं मिला है। कलाकारी फिल्म महोत्सव द्वारा हम परिदृश्य में कुछ बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। भले ही, कुछ समय के लिए फेस्टिवल को स्थगित किया गया है, जो कि कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए उचित भी है, लेकिन नई तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी। हमें जल्द ही अपने प्रयासों से सकारात्मक परिणामों की उम्मीद हैं।”
गौरतलब है कि ऋषि इस संबंध में पहले से ही कुछ लोकप्रिय ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के साथ भागीदारी कर चुके हैं। दुनियाभर के लगभग 2000+ निर्देशकों, लेखकों और लोकप्रिय कला प्रतिष्ठित प्रिया भट्टाचार्य, फिल्म- द लास्ट लेटर; डोना रॉय, फिल्म- भेतकी; सोनाली पवार, फिल्म- फॉक्स पासी; परुषी गुप्ता, फिल्म- जागो; रूना मुखर्जी पारिख, फिल्म- माँ; जैसे हुनरबाजों की फेस्टिवल में भाग लेने की उम्मीद है। इस साल का कलाकरी फेस्टिवल दर्शकों के बीच मानवता, महिला फिल्मों और पर्यावरण संबंधी फिल्मों पर प्रकाश डालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ऋषि निकम कलाकारी फिल्म फेस्टिवल को लेकर विषय प्रस्तुत करेंगे और मानवता, महिला-फिल्मों और महिला फिल्म निर्माताओं के अनुभवों के बारे में सार्थक चर्चा करेंगे। इस महोत्सव का उद्देश्य पुरस्कार विजेता फिल्मों की खोज का मार्ग प्रशस्त करना और फिल्म निर्माताओं को वह पहचान दिलाना है, जिसके वे वास्तव में हकदार हैं।