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अलीगढ़ एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी की उत्तर प्रदेश एग्ज़िक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में मुसलमानों के मुद्दों पर रेज़ुल्यूशन पास किया गया।

अलीगढ़ एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी की उत्तर प्रदेश एग्ज़िक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में मुसलमानों के मुद्दों पर रेज़ुल्यूशन पास किया गया।

एंकर:-एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी की उत्तर प्रदेश एग्ज़िक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में मुसलमानों के मुद्दों पर रेज़ुल्यूशन पास किया गया। सामाजिक सुरक्षा रिज़र्वेशन और उर्दू को उत्तर प्रदेश में दूसरी सरकारी भाषा बनाए जाने के मुद्दे रहे खास।
उत्तर प्रदेश में इलेक्शन का शेड्यूल जारी हो चुका है और चुनावी हंगामा अपने ज़ोर-शोर पर है। इसी हंगामे के बीच जहां एक तरफ़ राजनैतिक पार्टियों और उनके नेताओं के बीच गठजोड़ और एक दूसरे का साथ छोड़ने और थामने का सिलसिला जारी है इसी बीच राज्य की सबसे बड़ी माइनॉरिटी कहे जाने वाले मुस्लिम समुदाय के बीच यह चर्चा भी आम है कि इलेक्शन में मुसलमानों के वोट लेने के लिए तो सभी पार्टियां उत्सुक हैं लेकिन मुसलमानों के मुद्दों को बहस में लाने को कोई भी पार्टी तैयार नज़र नहीं आती। अभी तक किसी पार्टी का मेनिफेस्टो भी आवाम के सामने नहीं आया है सिर्फ कांग्रेस कमेटी ने महिलाओं के मुद्दों पर एक मेनिफ़ेस्टो महिलाओं का अलग से पेश किया है।

वीओ/:- इसी बीच अलीगढ़ में छात्रों शिक्षकों गैर शिक्षक कर्मचारियों और पूर्व छात्रों की एएमयू कोआर्डिनेशन कमेटी जो 15 दिसंबर 2019 के हंगामे के बाद वजूद में आई थी, ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए मुसलमानों और पिछड़ों की आवाज़ बनने की कोशिश की है। इसी सिलसिले में अलीगढ़ के ओल्ड बॉयज़ लॉज मैं एएमयू कोऑर्डिनेशन कमिटी की उत्तर प्रदेश की एग्ज़िक्यूटिव मीटिंग की गई। जिसमें सबसे ज्यादा इसी बात पर चर्चा हुई के उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में मुसलमानों के मुद्दे कहीं भी सुनाई नहीं दे रहे हैं। इसी पर चर्चा करते हुए और दूसरे सभी मुद्दों पर चर्चा करते हुए सभी की सलाह मशवरे से एक प्रस्ताव पत्र पारित किया गया। प्रस्ताव पत्र में मुख्य तौर पर मॉब लिंचिंग और मुसलमानों और दलितों के खिलाफ़ होने वाली हिंसा को लेकर सामाजिक सुरक्षा और सीए एनआरसी कानून को वापस लिए जाने की डिमांड मुख्य रही। इसके अलावा मोब लिंचिंग में मारे जाने वालों के लिए मुआवज़ा, पुलिस और अर्धसैनिक बलों में अल्पसंख्यकों की भर्ती, मंडल आयोग और रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में मुसलमानों के लिए रिज़र्वेशन, वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाना, उत्तर प्रदेश में उर्दू को दूसरी अधिकारिक राजभाषा माना जाना, अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सार्वजनिक सुविधाओं का विकास और इसके अलावा फिरोज़ाबाद बनारस कानपुर अलीगढ़ मेरठ आगरा सहारनपुर मुरादाबाद और अमरोहा में पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने के मुद्दे अहम है। आमिर मिंटोई ने बताया कि जो रेज़ुल्यूशन मीटिंग में पारित किया गया है यह बिना किसी भेदभाव के हर पार्टी के नेशनल प्रेसिडेंट को दिया जाएगा और हम कोशिश करेंगे कि उत्तर प्रदेश के ज्यादातर ज़िलों मैं पार्टियों के ज़िला अध्यक्षों के माध्यम से इस रेज़ुल्यूशन को पार्टी अध्यक्षों तक पहुंचाया जाएगा। अलीगढ़ से ख़ालिद मुस्तफ़ा के साथ अरशद अहमद की