*किसानो के लिए सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी योजनाओं के सम्बंध में*
*भारतीय जनता पार्टी इटावा जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने बताया* कि गरीबों-किसानों की जमीनें लूटने वाले सपाई आज किसान हितैषी होने का ढोंग कर रहे हैं। खेती से जीवन यापन करने वाले किसानों का कैराना से पलायन कराने वाले दंगाइयों को सपा प्रमुख टिकट देकर सम्मानित कर रहे हैं। जिनके राज में कर्ज के बोझ के तले किसान आत्महत्या कर रहे थे वो किसानों के भले की बात का स्वांग रच रहे हैं। जबकि भाजपा सरकार इकलौती ऐसी सरकार है *2017 में जिसकी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में ही 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ के ऋण माफ किये गए* ।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार ने हर स्तर पर प्रयास किया है।
*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2 करोड़ 53 लाख 98 हजार किसानों के खाते में 37,388 करोड़* हस्तांतरित किये गए हैं। बताया कि पिछले *साढ़े चार सालों में किसानों से 435 लाख मीट्रीक टन खद्यान खरीदे कर 79 हजार करोड़ का भुगतान किया* । 2007 से 2017 के बीच केवल 221.07 लाख मीट्रीक टन खद्यान खरीदा गया था। आंकड़े बताते हैं कि किसान हितैषी कौन है?
तिलहन, दलहन, गेहूं, धान और अन्य दूसरी फसलों के एमएसपी में डेढ़ से दो गुना तक की बढ़ोतरी की गई है। हमने जहां गन्ना किसानों को पुराने बकाए के साथ ही डेढ़ लाख करोड़ का भुगतान किया, वहीं गन्ने के समर्थन मूल्य में भी इजाफा किया। जबकि सपा बसपा सरकार मिलकर भी 95 हजार करोड़ से ज्यादा का भुगतान नहीं कर पाई थी। कहा कि जिन्होंने चीनी मिलों को बंद कर कौड़ियों के भाव बेच दिया आज वे किसान हितैषी होने की बात कहते हैं तो मन में पहला भाव संदेह का ही उत्पन्न होता है।
2016-17 में यूपी ने केवल 277.69 लाख टन दूध का उत्पादन किया जो 2020-21 में बढ़कर 318.63 लाख टन उत्पादन हो गया। आज राज्य में बढ़ते दूध उत्पादन से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। पिछले चार वर्षों में उत्तर प्रदेश ने 1,242.37 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन किया है। अमूल समेत छह बड़े कंपनियों ने 172 करोड़ रुपये का निवेश किया है। डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, कन्नौज,गोरखपुर, फिरोजाबाद, अयोध्या और मुरादाबाद में ग्रीनफील्ड डेयरियां स्थापित की जा रही हैं। झांसी, नोएडा, अलीगढ़ और प्रयागराज में चार पुरानी डेयरियों को अपग्रेड किया जा रहा है।
*12 लाख दुग्ध किसानों/दूधधारियों को क्रेडिट कार्ड* दिया गया है। 271 करोड़ रुपये के लागत से प्रदेश के सभी जिलों में गोरक्षा केंद्र (गौशाला) स्थापित किये गए। *मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहयोग योजना के तहत 66,000 से अधिक गायों को इच्छुक पशुपालकों* को सौंपा गया है। राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए गौ संरक्षण केंद्र और एक ‘गोवंश वन विहार’ बनाये जा रहे हैं। 118 केंद्रों का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है।
प्रदेश सरकार की मदद से ‘मिलियन फार्मर्स स्कूल के तहत 5 लाख से अधिक किसानों को आधुनिक खेती के तौर तरीकों पर प्रशिक्षित किया गया। प्रदेश के 59 लाख किसान ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई योजना से लाभान्वित । स्प्रिंकलर सिंचाई योजना अंतर्गत 2 लाख 49 हजार स्प्रिंकलर सेट का वितरण किया गया है। पिछले साढ़े चार सालों के अंदर यूपी को 20 कृषि विज्ञान केंद्रों का मिला सौगात मिली है।
*भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रोहित शाक्य ने कहा* कि सरकार ने किसानों के बिजली बिल भी हॉफ किये हैं, यह बहुत ही दूरगामी निर्णय है।किसानों को निर्बाध बिजली के लिए अलग से कृषि फीडरों का निर्माण किया गया है। जिस पर 10 घंटे की निर्बाध सप्लाई दिन में दी जा रही है, जिससे किसानों को रात में जगकर सिंचाई नहीं करनी पड़ती। पहले तो किसानों को बिजली मिलती ही नहीं थी। किसानों के ट्यूबवेल के बिल आधे किये गए, *1.5 लाख किसानों को ट्यूबवेल के कनेक्शन* दिए गए। जबकि सपा सरकार में डार्क जोन के नाम पर किसानों का उत्पीड़न किया गया और कनेक्शन रोके गए।
पिछले *40-50 वर्षों से लंबित अर्जुन सागर परियोजना, सरयू नहर परियोजना और ऐसी ही 17 अन्य सिंचाई की परियोजनाओं को पूर्ण किया गया* । बेहतर सिंचाई और कृषि उपज को बढ़ावा देने के लिए, पहाड़ी बांध, बंदाई बांध, जमरार बांध, मोधा बांध, पौनी बांध, लहचुरा बांध, गुंटा बांध, रायसन बांध परियोजना और झाकलां पंप नहर का काम पूरा किया गया।बुंदेलखंड में पानी और सिंचाई की बेहतर व्यवस्था के लिए केन बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दी गई। 1.50 लाख किलोमीटर नहरों का जीर्णोद्धार का काम किया गया। आज नहरों को टेल तक पानी मिलता है। 69050 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता सृजित की गई है, 2000 नये राजकीय नलकूपों के निर्माण से तथा 1000 असफल राजकीय नलकूपों का जीर्णोद्धार कर 10 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया है।
*प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2376 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति* का भुगतान किया गया है। किसानों को 4 लाख 72 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण का भुगतान किया गया है। 45 कृषि उत्पाद मंडी शुल्क से मुक्त किया गया है। मंडी शुल्क 1 प्रतिशत घटाया गया है। 220 नये मण्डी स्थलों का निर्माण किया गया। 27 मंडियों का आधुनिकीकरण किया गया। 291 ई-नाम मंडी की स्थापन की गयी।मुख्यमंत्री कृषि दुर्घटना हेतु 500 करोड़ का प्रावधान है। इसका लाभ पट्टेदारों एवं बटाईदारों को भी मिलेगा। किसानों के बीच 3.76 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं 2 करोड़ 03 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किया गया है। किसानों को रियायती दरों पर फसल ऋण उपलब्ध कराने के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के किसान हितैषी कार्यों में यूपी देश के अग्रणी राज्यों में है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश को देश में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान मिला है।
गन्ना, चीनी, एथेनॉल एवं सेनेटाइजर उत्पादन में लागातार चौथी बार देश में प्रथम 1.44 लाख करोड़ रुपये गन्ना मूल्य भुगतान कर देश में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। खाद्यान्न उत्पादन, गेहूं, आलू, हरी मटर, आम, आंवला और दुग्ध उत्पादन में देश में नंबर वन राज्य का गौरव आज यूपी को है।
कोरोना काल में सर्वाधिक खद्यान निःशुल्क वितरण करने वाला राज्य तिलहन उत्पादन में देश में प्रथम राज्य यूपी बना। किसानों को देय अनुदान को डीबीटी के माध्यम से माध्यम से भुगतान करने वाला प्रथम राज्य उत्तर प्रदेश बना है।किसानों के लिए बाजार को व्यापक बनाने हेतु मंडी अधिनियम संशोधन करके वाला पहला राज्य भी यूपी ही बना है। इसलिए किसान और जनता दोनों किसान विरोधी सपा-बसपा-कांग्रेस के जहरीले गठजोड़ वाले जाल में नहीं फंसने वाले हैं। वे सभी भाजपा को 300 प्लस सीटों का आशीर्वाद देने का मन बना चुके हैं।