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खानपान की बदलती आदत व विटामिन डी की कमी से प्रेग्नेंट महिलाओं को हो सकती हैं ये समस्या

लोगों में कैल्शियम की कमी भारी मात्रा में देखने को मिलती है. कैल्शियम की कमी आमतौर पर खानपान की बदलती आदतों के कारण होती है. खासतौर पर शहरी महिलाओं में हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में शहरी महिलाओं के खानपान की आदतों में बड़ा बदलाव आया है.

इन दिनों अनियमित पीरियड्स, माहवारी में होने वाली देरी जैसी समस्याएं बेहद कॉमन हो गई हैं। ऐसे में अगर आपके पीरियड्स यानी मेन्स्ट्रुअल साइकल परफेक्ट है, उसकी रूटीन में कोई दिक्कत नहीं है, पीरियड्स अगर हर महीने बिलकुल सही समय से आ जाते हैं तो आप खुद को फर्टिलिटी के मामले में बेहद लकी मान सकती हैं।

विटामिन डी की कमी से प्रेग्नेंट महिला में हाई ब्लड प्रेशर, प्रीक्लेम्पसिया व जेस्टैशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए, यह जरूरी है कि मां व बच्चे दोनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिले.

शरीर में पर्याप्त विटामिन डी की मात्रा सभी के लिए आवश्यक है लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान स्त्रियों में व अधिक जरूरी है. प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी का कम स्तर होना प्रीमैच्योर बर्थ व बच्चे में अस्थमा के जोखिम को बढ़ाता है.

कर्वी बॉडी टाइप इस बात का संकेत है कि आपके ब्रेस्ट और पेल्विस का हिस्सा बेहतर तरीके से डिवेलपर हुआ है और यह हॉर्मोनल ग्लैंड्स के अच्छे से काम करने का भी संकेत है। यह भी एक बड़ा संकेत है कि आपका रिप्रॉडक्टिव सिस्टम सही तरीके से काम कर रहा है और आपको फर्टिलिटी से जुड़ी कोई समस्या नहीं है।