ऊसराहार
अनिल गुप्ता
विकास खंड ताखा के 194 परिषदीय विद्यालय और सहायता प्राप्त विद्यालयों के 15000 छात्रों को बैंकों के कर्मचारियों की तानाशाही रवैये के कारण मध्याह्न भोजन योजना की कनवर्जन लागत का नहीं मिल पा रहा है लाभ, शिक्षक बैंकों के चक्कर लगाने पर मजबूर।
विकास खंड ताखा में बेसिक शिक्षा विभाग के 194 विद्यालय एवं 9 सहायता प्राप्त 6 हायर सेकंडरी एवं इंटर कालेजों में अध्ययन रत 15000 से अधिक छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खाते में कोरोना काल में बंद रहे विद्यालयों के समय में मध्याह्न भोजन योजना की लागत को बैंकों के माध्यम से भेजा जाना हैं इसके लिए विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को सूची बनाकर नाम अभिभावक नाम और संबंधित बैंक की खाता की जानकारी सहित बैंकों में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन बैंकों द्वारा शिक्षकों को स्टाफ की कमी का बहाना वनाकर अभी तक धनराशि को खातों में नहीं भेजा गया है यही नहीं ज्यादातर बैंकों ने सूची को लेने से ही इंकार कर दिया है जिससे आए दिन शिक्षकों और बैंक कर्मियों में कहासुनी होती रहती है शिक्षकों पर विभाग द्वारा छात्रों के खाते में धनराशि भेजने का दबाव बनाया जाता है इस सम्बन्ध में खंड शिक्षा अधिकारी ताखा उपेन्द्र कुमार भारती ने उच्चाधिकारियों को इस सम्बंध में आ रही समस्या को लेकर पत्र भेजा है वहीं इस सम्बंध में एसबीआई सरसईनावर के शाखा प्रबंधक योगेन्द्र कुमार का कहना है कि वैंक में स्टाफ की कमी है फिर भी जो सूची प्राप्त होती है उनको संबंधित वैंको से मिलान कराया जा रहा है।