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इटावा  भीमराव कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज में वेतन न मिलने से कर्मचारियों में आक्रोश

इटावा  भीमराव कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज में वेतन न मिलने से कर्मचारियों में आक्रोश है। शनिवार को सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रशानिक भवन के गेट पर ताला डालकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कहा कि चार माह से वेतन नहीं मिलने से परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया है। उधर, कर्मचारियों के प्रदर्शन के चलते सैकड़ों छात्र-छात्राओं का प्रैक्टिकल नहीं हो सका।

मामला बाबा साहब भीमराव अंबेडकर कृषि इंजीनियरिंग महाविद्यालय का है। बताया जा रहा है कि यहां पर डीन से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तक को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में शनिवार को नाराज स्टाफ ने प्रशासनिक भवन में तालाबंदी करके धरना प्रदर्शन किया। आक्रोशित कर्मचारी डीन की गाड़ी के आगे लेट गए। वहीं, कॉलेश प्रशासन को प्रैक्टिकल परीक्षा रद्द करना पड़ी। करीब पांच सौ से अधिक छात्र-छात्रा परीक्षा नहीं दे सके।

सूचना मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट राजेंद्र प्रसाद व एसओ सिविल लाइन सुधीर कुमार मौके पर पहुंचे। सिटी मजिस्ट्रेट ने आश्वस्त किया कि जिलाधिकारी के माध्यम से शासन व यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।

कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी शिवराज सिंह का कहना है कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे। फिर चाहे विश्वविद्यालय को परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव करना पड़े। वे छात्रों के हित में 4 महीने से बिना वेतन के काम कर रहे थे, लेकिन अब परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है लिहाजा उन्हें जब तक वेतन नहीं मिलेगा वह काम पर नहीं लौटेंगे।

बता दें, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के तीन कैंपस जिले में संचालित हैं। इनमें दुग्ध महाविद्यालय, मत्स्य महाविद्यालय व कृषि इंजीनियरिंग महाविद्यालय का संचालन जिले में होता है। ऐसे में यहां तकरीबन एक सैकड़ा से अधिक कर्मचारी व शिक्षक काम करते हैं। इनमें 10 प्रोफेसर शामिल हैं।

प्रशासनिक भवन के गेट पर कर्मचारियों ने ताला लगा दिया।

कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक द्वारा कोषागार कानपुर के जरिए जो वेतन आहरण होता है, उसको लेकर आदेश अब तक नहीं दिया गया बार बार पत्र लिखने के बाद भी कोई नही सुन रहा है