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यूक्रेन संकट के बीच रूस पर बढ़ते प्रतिबन्ध के कारण दुनिया में फिर आ सकता हैं 1970 के बाद का सबसे बड़ा तेल संकट

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस के बैंकिंग सिस्टम पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। ये देश रूस के ऑयल का भी विरोध कर रहे हैं। दुनियाभर के बैंक, पोर्ट्स और ट्रांसपोर्टर्स रूसी ऑयल से खुद को दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं।

आईएचएस मार्किट के वाइस-चेयरमैन डेनियल येर्गिन ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस के हमले से दुनिया में 1970 के दशक के बाद सबसे बड़ी ऑयल क्राइसिस पैदा हो सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, येर्गिन ने कहा, “1970 के दशक में अरब ऑयल पर बैन और ईरानियन क्रांति के बाद से ऑयल की सबसे बड़ी क्राइसिस सामने आ सकती है।”

येरगिन का कहना है कि यह 1970 के दशक में अरब तेल प्रतिबंध और ईरानी क्रांति के बाद से सबसे खराब संकट हो सकता है। उस दशक में दोनों घटनाएं तेल के लिए बहुत बड़ा झटका था।

यह एक लोजिस्टिक्स संकट है। यह एक भुगतान संकट है और यह 1970 के दशक के पैमाने पर भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध लगाने वाली सरकारों और उद्योग के बीच मजबूत कम्युनिकेशन सबसे खराब स्थिति का की तरफ बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि नाटो के सदस्य रूस के निर्यात का लगभग आधा हिस्सा प्राप्त करते हैं। उसका कुछ हिस्सा बाधित होने वाला है।