पंकज शाक्य
करहल/मैनपुरी- कस्बा करहल के श्री दिगंबर जैन पार्श्वनाथ जिनालय में चल रहे 45 दिवसीय महाअर्चना विधान में मेडिटेशन गुरु विहसन्त सागर जी ने प्रवचन में कहा कि इस दिन विष्णु कुमार मुनिराज ने ७०० मुनियों पर हो रहे उपसर्ग को दूर किया था। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन श्रुतसागर और उनके सभी शिष्यों को विष्णुकुमार ने राजा पद्मराज के मंत्री के अत्याचारों से मुक्त कराया था और उन्हें वापस चैतन्य अवस्था में लाए थे। जैन धर्म में रक्षाबंधन इसी कारण से मनाया जाता है। जैन धर्म मे रक्षाबंधन पर्व साधु और श्रावक का है। शनिवार के सौधर्म इन्द्र अश्वनी जैन, प्रलभ जैन व कुबेर इन्द्र अजय प्रताप, गार्गी जैन व शांतिधारा गौरव जैन, चांदनी जैन, प्रिया जैन, अंजलि जैन, सारिका जैन ने दी। कार्यक्रम का आयोजन अतिशयमय पावन वर्षायोग समिति करहल ने किया। इस अवसर पर समाज के लोग मौजूद रहे।