*डिभौली यमुना सेतु का शिलान्यासी पत्थर कहां? अधिकारी मौन*
चकरनगर/इटावा। चकरनगर-लखना रोड़ पर बने “यमुना सेतु डिभौली घाट” का शिलान्यासी पत्थर जो टूटा हुआ चाय की दुकान पर पड़ा है जो आज तक अपने चलते दुर्भाग्य उचित स्थान पर नहीं लग सका। यह शिलान्यासी पत्थर बड़े ही विधि विधान के साथ पुल के किसी एक तट पर लगाना था जो आज दर-दर की ठोकरें खाता हुआ जमीन पर नेस्तनाबूद होने की कगार पर है।
यमुना सेतु डिभौली घाट का शिलान्यासी पत्थर जो आज विभाग की चलते अनदेखी पैरों से कुचला जा रहा है,जबकि पुल के शिलान्यास एवं लोकार्पण का कोई लेख शिला पुल पर प्रदर्शित नहीं है जिसका होना आवश्यक था। किसी जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इस बात पर अब तक कोई ध्यान ही नहीं दिया।वहीं यमुना पुल का शिलान्यास 4।12।1987 में भरथना विधायक महाराज सिंह यादव व लखना विधायक गया प्रसाद वर्मा द्वारा किया गया था ।जो महेवा विकास खण्ड के ब्लाक प्रमुख मुंशी लाल दोहरे की अघ्यक्षता कराया गया था । जिस पर नाम राजा केहरी सिंह जूदेव, त्रिभुवन सिंह चौहान और विजय विजय बहादुर सिंह भी अंकित है, जो आज तक इस शिला की जगह नही बन पायी ।जो कहीं चाय की दुकान पर कही नीचे फुट पाथ पर रखा रहता है ।जो इस शिलान्यासी शिला के दो टुकड़ों के रूप में है। नामित महाशयों ने भी इसके लगवाने की जरूरत नहीं समझी।क्षेत्र की जनता ने इस शिलान्यास पत्थर को लगवाने की जोरदार मांग की है।
रिपोर्ट डॉक्टर एस बी एस चौहान