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इटावा *200 साल से ज्यादा पुराना मेला 23 मार्च से कुंजपुरा में शुरू होगा*

*200 साल से ज्यादा पुराना मेला 23 मार्च से कुंजपुरा में शुरू होगा*

जसवंतनगर/इटावा। कुंजपुरा गांव में बजानिया नट समुदाय के प्रमुख आस्था स्थल पर आशाराम बाबा को श्रद्धांजलि के उपलक्ष्य में आयोजित 200 साल से ज्यादा पुराना मेला 23 मार्च से शुरू होगा जिसका समापन 27 मार्च को होगा।
मेले के अध्यक्ष रामवीर सिंह यादव ने बताया कि मेले में रोजाना विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। देशभर के लगभग 22 प्रदेशों में रहने वाले आदिवासी बजानिया नट समुदाय की जनसंख्या लगभग 15 लाख होगी और अकेले उत्तर प्रदेश में बजानिया नट समुदाय के लगभग 3 लाख लोग रहते हैं। देश भर में फैले इस समुदाय के प्रतिनिधि मेले में शामिल होने आते हैं। मेला स्थल वाले इस गांव या आसपास किसी गांव में इस समुदाय का कोई परिवार नहीं रहता है।
यहां मेला लगने के पीछे एक वाक्या सुना जाता रहा है कि एक करतब दिखाने वाले नट की पत्नी बहुत सुंदर थी और तत्कालीन मलाजनी के राजा ने खेल तमाशे वाली एक शर्त रख दी कि वो नट कुंजपुरा से मलाजनी तक बंधी हुई रस्सी पर चलते हुए पहुंचेगा और न पहुंचने पर वह शर्त हारने पर अपनी पत्नी राजा को सौंप देगा। नट रस्सी पर चलते हुए छोर पर पहुंचने वाला ही था कि राजा ने नट को शर्त जीतते देख रस्सी कटवा दी थी बाद में उस नट ने वहीं प्राण त्याग दिए थे। तब से बजानिया नट समुदाय अपने इस पूर्वज को श्रद्धांजलि देने के लिए इस स्थान पर मेले के रूप में इकट्ठे होते रहे हैं।


इस समुदाय के लोग पहले सिर्फ खेल तमाशा करते हुए अपना पेट पालते थे किंतु अब धीरे धीरे परिवर्तन हुआ है और परंपरागत खेल तमाशे से कुछ लोग दूर भी हो गए हैं लेकिन अभी इनकी कला संस्कृति जीवित है।
यह मेला लोगों को आदिवासी बजानिया नट समुदाय की लोक कलाओं से भी अवगत कराता है। यही कारण है कि क्षेत्रीय लोग प्रतिवर्ष इनके खेल तमाशे कला संस्कृति व परंपराओं को देखने आते हैं।