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अलर्ट! एक अप्रैल से बढ़ जाएंगी आम आदमी की मुसीबतें व देश में कई बड़े बदलाव भी दिखाई देंगे

पेट्रोल-डीजल के रास्ते देश में महंगाई एक बार फिर तेजी से पैर पसारती दिखाई दे रही है। मार्च में तेल के दाम बढ़ने से आम आदमी का बजट गड़बड़ा चुका है। अब उसके सबसे बड़ी चुनौती अप्रैल का सामना करना है।संपत्ति सलाहकार कंपनी कोलियर्स इंडिया के अनुसार इस साल दिसंबर तक इनकी कीमतों में 8 से 9 प्रतिशत तक की और वृद्धि हो सकती है। डेवलपर्स अबतक कीमतों में वृद्धि के बारे में सतर्क रहे हैं, क्योंकि बाजार कोविड-19 महामारी से उबर रहा है।

EPF के ब्याज पर टैक्स : सरकार ने नए वित्त वर्ष में EPF के ब्याज पर टैक्स वसूलने का फैसला किया है। सरकारी कर्मचारियों द्वारा 5 लाख और निजी कर्मचारियों द्वारा 2.5 लाख से अधिक के योगदान पर मिलने वाले ब्याज को आय माना जाएगा। इसे आयकर के दायरे में गिना जाएगा।

अघोषित आय का एडजस्टमेंट नहीं : नए वित्त वर्ष से व्यापारियों को पकड़ी गई नकद राशि को पुराने नुकसान से एडजस्ट करने की सुविधा नहीं मिलेगी। इस राशि पर टैक्स देना ही होगा। अब तक व्यापार में हुआ नुकसान अगले 8 साल तक एडजस्ट किया जा सकता था। किसी भी व्यवसायी द्वारा किया गया अवैध खर्च भी एडजस्ट नहीं होगा और उसे कर योग्य आय माना जाएगा।

20 करोड़ टर्नओवर पर भी ई-इनवाइस : अगर किसी व्यावसायिक प्रतिष्‍ठान या कंपनी का टर्नओवर 20 करोड़ या उससे अधिक है तो उन्हें ई-इनवाइस जारी करना होगा। पहले यह सीमा 50 करोड़ रुपए थे।

ऑडिट ट्रेल रखना भी जरूरी : कंपनियों को अब ऑडिट ट्रेल का रिकॉर्ड रखना होगा। खाते में छोटे-छोटे बदलाव का हिसाब भी रखना होगा। इससे बैक डेट में जाकर बिल और खाते हेर फेर की संभावनाएं खत्म हो जाएगी।

बैंक खाता हो जाएगा फ्रीज : पहले बैंक खाते के KYC अपडेट करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 थी। हालांकि, देश में कोरोना की वजह से रिजर्व बैंक ने बैंक खातों के केवाईसी अपडेट की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी है। अब यदि आप इसे लिंक नहीं करते हैं, तो बैंक खाता फ्रीज हो सकता है।