अगले महीने जीएसटी परिषद की बैठक हाोने वाली है। यह बैठक बेहद खास होने वाला है क्योंकि इसमें जीएसटी से संबंधित नियमों में बदलाव की घोषणा हो सकती है।
पांच फीसदी की टैक्स स्लैब को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, इस पर जीएसटी की बैठक में चर्चा हो सकती है। इससे सरकार को रेवेन्यू जेनरेट करने में मदद मिलेगी और अन्य राज्यों को मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं पड़ेगा।
बता दें कि वर्तमान में GST एक चार स्तरीय संरचना है, जिस पर क्रमशः 5%, 12%, 18% और 28% की दर से टैक्स लगता है। आवश्यक वस्तुओं को या तो सबसे कम स्लैब में छूट या टैक्स लगाया जाता है, जबकि विलासिता और अवगुण वस्तुओं पर हाई टैक्स स्लैब लागू होता है।
सोने और सोने के आभूषणों पर 3% टैक्स लगता है। अभी बिना ब्रांड वाले और बिना पैकेज वाले खाद्य पदार्थ और डेयरी वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। सूत्रों के मुताबिक, रेवेन्यू बढ़ाने के लिए परिषद कुछ गैर-खाद्य वस्तुओं को छूट लिस्ट से हटाकर 3% स्लैब रख सकती है।
अंतिम फैला जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा जिसमें केंद्र और राज्यों दोनों के वित्त मंत्री शामिल होंगे।एजेंसी ने कहा कि टैक्स स्लैब को 5% से बढ़ाकर 8% करने से अतिरिक्त ₹1.50 लाख करोड़ वार्षिक राजस्व प्राप्त हो सकता है।