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ऑटो रिक्शा चलाता था छोटा भाई लेकिन KKR के इस खिलाडी के एक फैसले ने बदल दी पूरे परिवार की किस्मत

कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाड़ी रिंकू सिंह  अचानक सुर्खियों में हैं. गुजरात टाइटंस के खिलाफ रिंकू ने शानदार फील्डिंग करते हुए न सिर्फ चार कैच लपके बल्कि बैंटिग में भी कमाल दिखाते हुए 35 रनों की पारी खेली.

उत्तर प्रदेश  के रिंकू सिंह  का सफर उतना आसान नहीं रहा है. रिंकू सिंह को एक बार अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए स्वीपर तक का काम करना पड़ा था.

रिंकू सिंह 5 भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं. उनके पिता गैस सिलिंडर डिलीवरी  का काम करते थे. ऐसे में परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने होने के कारण रिंकू के क्रिकेटर बनने के सपने दम तोड़ने लगे.

परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसे पोछा लगाने झाडू लगाने का काम करने के लिए ले जाया गया ताकि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके. इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रहे इस खिलाड़ी को लेकर कई दिल को छू लेने वाली कहानियां रही हैं.

रिंकू सिंह का एक भाई ऑटो रिक्शा चलाता था वहीं उनका दूसरा भाई भी कोचिंग सेंटर में नौकरी करके परिवार की आर्थिक मदद करता था. रिंकू सिंह 9वीं फेल है. ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं होने के कारण उन्हें ढंग की नौकरी भी नहीं मिल रही थी.

रिंकू सिंह ने उस वक्त जान लिया कि उनकी लाइफ अगर कोई बदल सकता है तो वो केवल केवल क्रिकेट ही है. रिंकू सिंह ने क्रिकेट पर पूरा फोकस करने का मन बनाया दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट के दौरान जब उन्हें मैनमै ऑफ द सीरीज के तौर मोटरबाइक मिली तो ये मोरटबाइक उन्होंने अपने पापा को सिलेंडर डिलिवरी के लिए दे दी थी.