भरथना *अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस-राजमिस्त्री और मजदूर हुए सम्मानित*
● नव चेतना मंच भरथना के तत्वाधान में सम्पन्न हुआ भव्य आयोजन,
भरथना,इटावा। अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर भरथना में एक कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसमें हास्य,वीर व श्रृंगार के कवियों ने अपने कविता पाठ से साहित्यप्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वहीं अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के महत्व के तहत
क्षेत्र की समाजसेवी संस्था नव चेतना मंच भरथना ने
क्षेत्र के तीन सम्मानित
राजमिस्त्री-मजदूरों को अंग बस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
भरथना नगर के जवाहर रोड स्थित अवध गार्डन में नव चेतना मंच के तत्वाधान् में रविवार को आयोजित कवि सम्मेलन व समारोह के दौरान संस्था के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अशोक यादव,महासचिव अनिल दीक्षित,उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चौहान,पूर्व जि०पं०स०मनोज यादव बण्टी, संरक्षक व पूर्व मंत्री श्रीकृष्ण यादव,भगवान दास पोरवाल ने अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर राजमिस्त्री शिशुपाल सिंह सांचे,मजदूर रामबाबू कठेरिया मोढी,कुलदीप मांझी बिहार का माल्यार्पण,अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत सम्मान किया।
इससे पहले संस्था के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ अधिवक्ता रामपाल सिंह राठौर व अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रामकुमार यादव को मार्ल्यापण व अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
वहीं कवि सम्मेलन के शुभारम्भ अवसर पर कवियत्री डा०मंजू यादव ने ज्ञान की देवी माँ शारदे का ‘‘हंसवाहिनी शारदे माता कर दो ज्ञान सवेरा‘‘ पढकर आवाहन करके कार्यक्रम को गति प्रदान की। वहीं कवि रोहित चौधरी ने ‘‘वन्देमातरम् होठों पर और दिल में भारत रखता हूँ‘‘, ‘‘जब-जब कलम चलाऊँगा, नींद नहीं आने दूंगा‘‘, ‘‘सर्द रात में बिन कम्बल के ठिठुरा हुआ किसान देखा‘‘ पढकर खूब वाहवाही लूटी। साथ ही गजलकार अशोक यादव ने ‘‘यहाँ क्यों मौत होती है किसानों की जवानी में‘‘ पढकर तालियां बटोरी। राष्ट्रीय गीतकार डा० राजीव राज ने भी ‘‘उमरिया एक सडक वीरान, कहाँ है मंजिल किसको ज्ञान‘‘ पढकर साहित्यप्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही मशहूर गीतकार गोविन्द माधव शुक्ला, जनवादी कवि अनिल दीक्षित,अरविन्द योगी, आशीष दीक्षित ने भी अपनी-अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्य का दर्शन कराया। इस अवसर पर पूर्व सैनिक विश्राम सिंह यादव,प्रताप वर्मा, गुड्डू यादव,वेदप्रकाश मयंक,रामनाथ यादव, केके०यादव,दीपक दुबे, दीपक यादव,संजय दीक्षित,बाबूशाह सैयद सहित कई गणमान्य नागरिकों व साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
रजत तिमोरी की रिपोर्ट