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इटावा, राजा श्रीराम समाज के लिए आदर्श की कुँजी हैं-बालमुकन्द*

*राजा श्रीराम समाज के लिए आदर्श की कुँजी हैं-बालमुकन्द*

भरथना,इटावा। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम समाज के लिए आदर्श की कुंँजी हैं। माता-पिता, गुरूजनों की सदैव आज्ञा का पालन कर जीवन में कभी भी मर्यादा का उल्लंघन न करने वाले दशरथनन्दन भगवान श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाये गये।
उक्त बात कस्बा के मुहल्ला महावीर नगर स्थित बडे हनुमान जी मन्दिर में चल रही दुर्लभ दिव्य संगीतमयी श्री रामकथा का रसपान कराते हुए ख्याति प्राप्त वक्ता धर्मभूषण पं० बालमुकन्द द्विवेदी ने उपस्थित श्रद्धालु महिला-पुरूष भक्तजनों को कथा का श्रवण कराते हुए कही। उन्होंने बताया कि त्रेता युग में रावण का संहार करने के लिए धरती पर अवतरित भगवान श्रीराम ने माता कैकेयी के 14 वर्ष वनवास की इच्छा को सहर्ष स्वीकार कर पिता के दिये वचन को निभाकर ‘‘रघुकुल रीत सदा चली आयी,प्राण जाये पर वचन न जायी‘‘का बखूबी पालन कर समाज को अमूल्य व अतुल्नीय सन्देश दिया। तदुपरान्त कथावाचक श्री द्विवेदी ने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की जीवन पर आधारित कई कथाओं का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वहीं‘‘छम-छम नाचे देखो वीर हनुमाना‘‘की समधुर ध्वनियों के बीच पवनसुत वीर हनुमान की झाँकी के नृत्य ने मौजूद लोगों का मनमोह लिया और झाँकी के साथ तालियों की गडगडाहट के बीच साथ में नृत्य करने को मजबूर कर दिया। श्री रामकथा के दौरान परीक्षित उर्मिला गुप्ता,राधामोहन गुप्ता चिकने,पंकज गुप्ता सीटू, सचिन गुप्ता टीटू आदि व्यवस्था की देखरेख में लगे हुए थे।