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इटावा,मण्डी परिषद की समस्याओं को लेकर व्यापार मण्डल ने ज्ञापन दिया

इटावा,मण्डी परिषद की समस्याओं को लेकर व्यापार मण्डल ने ज्ञापन दिया

मण्डी पोर्टल पर आ रही कठिनाइयों में सुधार किया जाये

आठ सूत्रीय मांगों लेकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौपा

इटावा। उधोग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित एवं जिला महामंत्री आकाशदीप जैन बेटू के नेतृत्व में प्रान्तीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के निर्देशन से मुख्यमंत्री को सम्बोधित आठ सूत्रीय ज्ञापन को व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने मण्डी निरीक्षक नवीन मंडी शिव प्रसाद को सौपा। ज्ञापन में कहा गया मंडी परिषद द्वारा जारी किए जा रहे आदेशों व मंडी पोर्टल से व्यापारियों को आ रही कठिनाईयो के सुधार किया जाये। मंडी परिषद के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा लगातार नए-नए आदेश लागू किए जा रहे हैं जो न तो व्यवहारिक है न ही संवैधानिक है। मंडी समिति का पोर्टल सुचारू रूप से कार्य नही करता है जिससे व्यापारियों को व्यापार करने में कठिनाई आ रही है, जब तक पोर्टल सुचारु रुप से चालू हो तथा व्यापारी उस पर काम करना सीख जाए, तब तक के लिए कम से कम 6 माह मंडी के काम के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन व्यवस्था जारी रखी जाये।अन्य प्रान्तों से आने वाले कृषि उत्पादों पर प्रवेश पर्ची बनाने की मण्डी अधिनियम में व्यवस्था है, परन्तु ई-मण्डी पोर्टल पर प्रवेश पर्ची नहीं बनायी जा रही है। अपितु 6-आर काटकर मण्डी शुल्क वसूल किया जा रहा है, जो मण्डी अधिनियम के प्रतिकूल है। पोर्टल पर अन्य प्रान्तों से आने वाले कृषि उत्पादों की प्रवेश पर्ची काटे जाने की व्यस्था की जाये। जब तक पोर्टल पर प्रवेश पर्ची काटने की व्यवस्था नही हो पाती है, तब तक मैनुअल प्रवेश पर्ची काटे जाने की व्यवस्था की जाए। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कृषि उपज दाल-दलहन जो प्रदेश के बाहर से आते है, उससे निर्मित उत्पाद को मण्डी शुल्क से कर मुक्त घोषित किया गया है। उत्तर प्रदेश के उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए मध्य प्रदेश की भॉति उत्तर प्रदेश में भी प्रदेश के बाहर से आने वाले दाल व दलहन को मण्डी शुल्क से मुक्त किया जाये।आदेश संख्या 256/2001-1385 दिनांक 07.09.2001 के द्वारा प्रदेश से बाहर से आने वाले दलहन को प्रक्रिया उपरान्त प्रदेश से बाहर भेजने पर मण्डी शुल्क एवं विकास सेस से छूट प्रदान की गयी थी। उपरोक्त छूट वर्तमान ई-पोर्टल पर दर्शित नहीं हो रही है इसलिये पूर्व के अनुसार मिलने वाली छूट पोर्टल पर सुधार कर दर्ज की जाये। दाल व चावल कृषि उत्पाद न होकर दलहन व धान से मील में प्रोसेस होने के बाद बनाये जाते हैं, जिन्हें मण्डी अधिनियम में निर्दिष्टि सूची से बाहर किया जाये। पूर्व में बिक्री किए जाते समय 9-आर भौतिक रूप से काटे जाते थे, जिसमें सभी खरीद पर क्रेता को एक ही 9-आर जारी किया जाता था, परंतु इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल के माध्यम प्रत्येक वस्तु के लिए अलग-अलग काटे जा रहे हैं जिससे एक ही व्यापारी से सामान खरीदने पर 8 से 10 तक 9-आर काटे जा रहैं है। इसलिये सॉफ्टवेयर में सुधार कर 9-आर पोर्टल पर काटे जाने के पश्चात गेट पास की आवश्यकता नहीं है इसलिए गेट पास की अनिवार्यता समाप्त की जाये। मण्डी लाइसेंस व रिनुअल की प्रक्रिया अत्यन्तः जटिल है, जिसे सरल किया जाये। ज्ञापन देने वालो में जिला कोषाध्यक्ष क़ामिल कुरैशी, प्रदीप यादव आढ़तिया, महिला प्रदेश संगठन मंत्री विमला यादव, युवा जिलाध्यक्ष पावेन्द्र शर्मा, महिला जिलाध्यक्ष अंजू यादव, शहर अध्यक्ष किरन सोनी, भारतेन्द्र नाथ भारद्वाज, अर्चना कुशवाहा, लखन सोनी, अंकित यादव, जैनुल आब्दीन, सैय्यद लकी, अकरम वारिसी, सर्वेश जोशी, राजेश यादव आदि मौजूद रहे।