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जसवन्तनगर , श्रीमद्भागवत कथा में भक्तों को भागवत कथा के मर्म समझाया।

जसवंतनगरः क्षेत्र के ग्राम नगला इंछा मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार को तीसरे दिन बृद्वाबन से पधारे कथा वाचक प्रद्युमन कृष्ण जी ने भक्तों को भागवत कथा के मर्म समझाया। उन्होंने बताया कि सत्य के मार्ग पर चलने से हर हाल में जीत सत्य की होती है। सत्य कुछ देर के लिए परेशान तो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता। भक्त प्रहलाद व बालक धु्रव से इस बात की सीख लेनी चाहिए। उन्होने भक्त धु्रव के जीवन चरित्र के बारे में बताया गया कि घटना उस समय की है, जब नन्हा धु्रव अपने पिता राजा उतानपाद की गोद में बैठना चाहता था। इसी उतावले पन में उसने अपनी छोटी छोटी बाहें पिता की ओर फैला दी पर वह मासूम नहीं जानता था कि उसकी यह बाल्य आकांक्षा समीप खड़ी उसकी सौतेली माता सुरूचि से बर्दाश्त नहीं होगी। कथा वाचक ने कहा कि उसके स्थान पर यदि कोई साधारण मां होती, तो वह उसके मन में भी द्वेष के बीज रोप दिए होते। स्वामी ने आगे कहा कि बालक धु्रव ने जीवन की पहली ठोकर से ही संसार की कटुता को समझ लिया था। मनुष्य को संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए। कथा बाचक ने भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रहलाद भगवान की तपस्या करते थे उतना ही हिरण्यकश्यप अत्याचार करता रहा। उसने बहुत सारे कष्ट दिए। अग्नि में जलाया, पहाड़ से गिराया, उबलते हुए तेल में डाला और मारने का बहुत प्रयास किया। उसकी बहन होलिका प्रहलाद को गोदी में लेकर अग्नि में बैठ गई। होलिका तो स्वयं जलकर भस्म हो गई लेकिन प्रहलाद हंसते हुए अग्नि से बाहर आ गए। इस भगवत कथा महायज्ञ जायमई माता कमेटी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है इसमे यज्ञपति की भूमिका शशी देवी यादव एवं राजेश कुमार यादव तथा परिश्रित की भूमिका श्रीमति कांति देवी एवं योगेन्द्र सिंह यादव इसके अलावा सैकडो की संख्या मे लोग पंडाल मे मौजूद रहे

फोटो- बृद्वाबन से पधारे कथा वाचक प्रद्युमन कृष्ण जी