*औरैया, गौरक्षक योगी सरकार में गौशाला में भूख प्यास से तड़प तड़प मर रहीं गाएं*
*औरैया।* जिले की एक गौशाला की एक ऐसी विचलित करनी वाली तस्वीरे सामने देखने को मिली है, जिसे यकीन कर पाना मुश्किल होगा। जहा शासन की तरफ से गौशालाओं के लिए लाखों का फंड दिया जा रहा है, इन गायों की स्थितियों को सुधारने के लिए तो वही गौशाला के भीतर हर दिन भूख प्यास से मरती गाय अधिकारियों के लिए इन गायों की मौते महज़ बीमारी से होती दिख रही है। क्योंकि अधिकारी अपना बचाव करते हुए मीडिया से यह बोलते नज़र आ रहे हैं , कि वह गाय बीमार थी , लेकिन सबाल है कि जब वह बीमार है तो उन का इलाज क्यों नही कराया जा रहा। गौशाला के भीतर एक गाय मृत पड़ी है, तो दो गाय अपनी मौत का इंतज़ार कर रही हैं। जिसमे एक गाय गर्भवती अवस्था मे गड्ढे में पड़ी अपनी और अपने पेट मे पल रहे बच्चे की जान की भीख मांगती दिख रही है। औरैया जिले के अमावता गांव में बनी गौशाला की तस्वीरे शायद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री देखे तो गौशाला में पड़ी गायों की हालत देख वह भी बर्दाश्त न कर पाए कि जिन गायों के लिए उनको इतना प्रेम है उन गायों की हालत गौशाला में ऐसी हो रही है। यह नजारा है औरैया जिले के अजीतमल ब्लॉक के गांव अमावता का जहां एक गौशाला बनी हुई है, लेकिन इस गौशाला की हालत बद से बदतर हो चुकी है जहां आए दिन एक ना एक गाय भूख और बीमारी के कारण मर रही हैं सरकार की तरफ से भले ही गौशालाओं के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हों, लेकिन इसके बावजूद भी गौशाला में गौ सेवा करने वाले लोगों को भी समय पर ना ही तनख्वाह मिल रही है। ना ही गायों को सही से देखरेख की जा रही है। नजारा अंदर देखा तो वहां पर एक गाय मृत अवस्था में पड़ी है। तो दो गायें अपनी मौत का इंतजार कर रहीं हैं। यहां के गौ सेवकों का कहना है कि यहां न ही प्रधान इस गौशाला से मतलब रख रहा है ना उन्हें समय पर खाना दिया जा रहा है ना उनकी देखरेख की जा रही है। कुछ जानवर आपस में लड़कर घायल हो जाते हैं, और उन्हें चोटें लगती हैं। जिस कारण भी वह मर जाते हैं, और कुछ बीमार और भूख की वजह से मर रहे हैं। ग्रामीण मुकेश व गौ सेवक ने उपरोक्त जानकारी दी है। इस पूरे मामले को लेकर जब अमावता गांव के ग्राम सचिव राजबहादुर से बात की तो ग्राम सचिव ने बताया दरअसल यह गाय जो हैं वह बीमारी से मर रही है। उनका इलाज भी कराया जा रहा है। रही बात भूसे की तो भूसा गाड़ी खराब होने की वजह से नहीं आ पाया था, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने किसी तरीके से भूसे की व्यवस्था की थी। गायें भूख की वजह से नहीं बल्कि बीमारी की वजह से उनकी मौत हुई हैं। हालांकि सवाल यह है कि ग्रामीण का कहना है कि हर दिन गायों की मौत हो रही है, और अधिकारी का कहना है की बीमारी से गायों की मौत हुई है, लेकिन इन सबके बीच गौशाला में हो रही गायों की मौत के जिम्मेदार कौन है। ग्राम प्रधान गौशालाओं से किसी भी प्रकार से मतलब नहीं रखना चाह रहा है यही वजह है की गौशाला की देखरेख ना हो पाने की वजह से गौशाला की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता