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औरैया, हृदय विदारक हादसे के बाद औरैया पहुंचे शव, यमुनाघाट पर अंतिम संस्कार*

*औरैया, हृदय विदारक हादसे के बाद औरैया पहुंचे शव, यमुनाघाट पर अंतिम संस्कार*

*अरविंद ने अंत तक निभाई दोस्ती, हादसे में दोस्त के साथ गंवाई जान*

*औरैया।* सदर कोतवाली क्षेत्र के चार लोगों की कानपुर जाते समय बुधवार को अकबरपुर के पास मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई थी। देर रात इनके शव घर पहुंचे तो हर तरफ चीत्कार गूंज उठी। गुरुवार की सुबह यमुनाघाट पर 3 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जबकि चालक के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। हादसे में पिता-पुत्र की मौत ने जहां परिवार को झकझोर दिया, वहीं दो दोस्तों की एक साथ हुई मौत भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है। गल्ला व्यापारी सुशील पोरवाल उर्फ राजू और सर्राफा व्यापारी अरविंद माधव में गहरी दोस्ती थी। दोनों एक-दूसरे से अपने सुख-दुख को साझा करते थे। सुशील किडनी के मरीज हुए तो अरविंद को दोस्त की चिंता सताने लगी, यही वजह थी कि वह हर समय दोस्त की खैरियत पूछते रहते थे, उन्होंने अंत तक दोस्ती निभाई और हादसे में दोस्त के साथ ही जान गंवा बैठे। यमुनाघाट पर जब दोनों की चिताएं आसपास सजी तो लोग उनकी दोस्ती की चर्चा करने लगे। सुशील के दो बेटे हैं, इनमें से मयंक छोटा था जबकि आदर्श बड़ा है, दोनों नोएडा में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। बड़े बेटे की शादी हो चुकी है, वहीं अरविंद के दो बेटे हैं, जिनमें से एक दुकान पर बैठता है। अरविंद ने दोस्त के साथ दुनिया को अलविदा कह दिया। अब उनके बड़े बेटे पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। छोटे भाई और पिता की मौत के बाद बड़े बेटे आदर्श पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है। बड़ा बेटा कई बार पिता और भाई को यादकर बिलख पड़ता है। पिता की बीमारी के बावजूद परिवार हौसले के साथ उनका इलाज करा रहा था। छोटा भाई भी अपने पैरों पर खड़ा हो गया था, अब बस उसकी शादी को लेकर तैयारियां शुरू होनी थीं, लेकिन हादसे ने पूरे परिवार की खुशियां छीन लीं।


अरविंद दुकान के लिए निकले थे, लेकिन उन्हें मौत खींच ले गई। यह नियति का खेल ही था , कि हादसे वाले दिन सर्राफा व्यापारी आनंद माधव अपने घर से स्कूटी से दुकान जाने की बात कहकर घर से निकले थे। उन्हें यह मालूम नहीं था कि वह अब कभी घर नहीं लौट पाएंगे। जैसे ही वह कुछ दूर निकले कि सुशील पोरवाल से उनकी बात हुई तो उन्होंने कानपुर जाने की बात कही। ऐसे में अरविंद अपनी स्कूटी को साइड में खड़ा कर उनके साथ कानपुर जाने के लिए कार में बैठ गए , और दोनों दोस्त एक साथ इस दुनिया से अलविदा हो गये।


इसके साथ ही कार चालक अपने मां बाप का इकलौता सहारा अजहर अपनों को छोड़कर चला गया। कानपुर देहात के अकबरपुर में हुई दुर्घटना में मृत हुए 4 लोगों में सभी औरैया के निवासी थे। इसमें अजहर पुत्र अफसर अली निवासी जमालशाह बुकिंग पर कार चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। वह अपने परिवार तथा अपनी बहनों तमन्ना (18) एवं सिमरन (11) की अच्छी पढ़ाई लिखाई के लिए दिन रात मेहनत करता था। अजहर बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र भी था। उसकी मौत की खबर पाते ही परिजनों में कोहराम मच गया और वह फूट-फूटकर रोकर यह कह रहे थे , कि अब उनकी आगे की नैया कौन पार लगाएगा। हादसे की खबर पर नम हो गईं लोगों की आंखें, बुधवार की सुबह मयंक अपने पिता सुशील के साथ दवा लेने के लिए कानपुर जा रहा था। उनके साथ में ही सुशील के मित्र आनंद माधव पुत्र वंशीधर निवासी निझाई भी उनके साथ कानपुर के लिए निकले। जबकि गाड़ी मोहल्ला जमाल शाह निवासी अजहर पुत्र अफसर अली चला रहा था। जैसे ही यह लोग अकबरपुर के समीप पहुंचे कि तभी गाड़ी अनियंत्रित हो गई और आगे खड़े पानी के टैंकर में जा घुसी। जिससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। चारों लोगों के शव देर रात औरैया स्थित उनके आवास पर पहुंचे। शव के पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। सुबह अजहर अली पुत्र अफसर अली को सुपुर्द ए खाक किया गया जबकि मयंक, सुशील एवं आनंद माधव का यमुना घाट पर दाह संस्कार किया गया। इस दौरान भारी संख्या में लोग कब्रिस्तान एवं श्मशान घाट पहुंचे।

रिपोर्ट :-: आकाश उर्फ अक्की भईया संवाददाता