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इटावा, चम्बल नदी के ग्राम बहिलियापुर में घड़ियाल इकोलॉजी प्रोजेक्ट / मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट व वन विभाग द्वारा मनाया गया विश्व जैवविविधता दिवस

इटावा,घड़ियाल इकोलॉजी प्रोजेक्ट/मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट एवम वन विभाग (वन्य जीव, चम्बल सैंक्चुरी) के सयुंक्त तत्वाधान में ग्राम बहलियापुर.में विश्व जैवविविधता के अवसर पर एक संरक्षण गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम को संचालित करते हुए, डॉ0 आशुतोष त्रिपाठी ने ग्रामवासियों को जैव विविधता के महत्व को समझाते हुए लोगो से वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रेरित किया व लोगों से संरक्षण में प्रतिभाग करने की अपील की। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान, कछुए, मगर, डॉल्फिन इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की चम्बल जैवविविधता की दृस्टि से बहुत धनी नदी है और हज़ारों गावों को स्वच्छ जल प्रदान करती है। पिछले गत १ दशक में इसके पानी में प्रदुषण की मात्रा बढ़ी है जोकि चिंता जनक है।
ग्रामवासियों से अपील करते हुए श्री विष्णुपाल सिंह चौहान (वन्यजीव) चकरनगर रेंज इटावा ने कहा की अब इस नदी तंत्र का भविष्य आपके हांथो में है।  आप इसे कैसे रखते हैं , वैसी जैसी ये है या फिर यमुना नदी जैसी जिसका पानी पीने मात्र से आप बीमार पड़ सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित ग्राम प्रधान जगतोली श्री  महेंद्र सिंह ने लोगों से वृक्षारोपण में अधिक से अधिक भाग लेने की बात की, व रोपित करने और उनकी देखभाल करने की अपील की। डॉ0 आशुतोष त्रिपाठी जी ने बताया कि प्रतिवर्ष वृक्षारोपण हेतु कई कार्यक्रम संचालित किए जाते है लेकिन बिना देखभाल के पौधों  का जीवित रहना कठिन होता है। इसके साथ ही डॉ त्रिपाठी ने लोगो को सलाह दी कि मई और जून के महीने में चंबल नदी से दूर रहे बहुत आवश्यक होने पर ही नदी की तरफ जाए इन महीनों में घड़ियाल और मगर मच्छ आक्रामक होते है क्योंकि इस दौरान वो अपने अंडों को सुरक्षित करते है जब तक अंडों में से बच्चे नही जंकल आते तब तक ये अंडों के आस पास ही रहते है जब भी कोई इंसान या जानवर इनकी तरफ आता है तो ये अंडों की रक्षा के लिए हमला कर देते है जिसमे कई लोगो की जान तक चली जाती है इसलिए इन दिनों में ज्यादा सावधानी बरतें और अपने आपको सुरक्षित रखे गोश्ठी के दौरान उपस्थित विशेषज्ञों ने ग्रामवासियों के प्रश्नों के उत्तर दिए व सुछावों का आदान प्रदान किया गया। गोष्ठी को सफल बनाने में श्री रोहित कुमार, श्री प्रताप सिंह जी का विशेष सहयोग रहा।