Monday , October 28 2024

इटावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने युवाओ को दिया पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण का संदेश,

*कप्तान आवास में निकला भेड़िया साँप मचा हड़कम्प*

● इटावा पुलिस कप्तान ने युवाओ को दिया पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण का संदेश,

● सभी सर्प जहरीले नही होते कृपया उन्हें मारे नहीं- सर्पमित्र डॉ०आशीष त्रिपाठी,

इटावा। इटावा के पुलिस कप्तान के आवास में 2 फ़ीट लम्बा एक भेड़िया सर्प वोल्फ स्नेक (लाइकोडोंन) एसी के पास अचानक से दिखाई दिया तभी वन दरोगा रविन्द्र मिश्रा ने सर्पमित्र डॉ० आशीष त्रिपाठी को रेस्कयू कॉल किया गया वे तुरंत ही मौके पर पहुँचे और उसकी पहचान एक साधारण से विषहीन सर्प लाइकोडोंन के रूप में की। मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के यूपी कोर्डिनेटर वन्यजीव विशेषज्ञ,सर्पमित्र डॉ०आशीष त्रिपाठी ने जानकारी देते हुये बताया कि,आजकल सामान्य रूप से दिखाई देने वाला यह छोटा सा लाइकोडोंन (कॉमन वोल्फ स्नेक) अर्थात भेड़िया साँप है। जो कि एक विषहीन प्रजाति का साँप होता है,जिसके काट लेने से किसी को कोई भी नुकसान या कोई खतरा नही होता,और ना ही काटने के बाद किसी को इलाज की आवश्यकता नही होती है। बस किसी भी विषहीन सर्प के काटे हुये स्थान को ठीक से डिटॉल से ही साफ कर देने से उसका इलाज पूर्ण हो जाता है ।


इटावा के वरिष्ठ अधीक्षक जय प्रकाश सिंह ने मीडिया से वार्ता करते हुये कहाकि,चूंकि भीषण गर्मी के मौसम में सर्प भी ठंडी जगह ढूंढ रहे है,शायद यह सर्प कमरे के एसी के पास इसी लिये ही दिखाई दिया है यह सर्प जहरीला तो नही है लेकिन मेरी जनता से यही अपील है कि कभी भी किसी को सर्प काट ले तो किसी भी झाड़ फूंक में न पड़ें और तुरंत ही अस्पताल लेजायें और चिकित्सक के अनुसार एंटीवेनम अवश्य लगवायें। एसएसपी ने सर्पमित्र डॉ० आशीष को धन्यवाद देते हुये कहा कि डॉ०आशीष जनपद में सर्पों को बचाने व जनता को सर्पदंश के बारे मे जागरूक करने का एक पुनीत कार्य कर रहे है। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर सर्पों के महत्व को देखते हुये उन्हें न मारने की अपील भी की और कहा कि प्रत्येक प्राणी का पृथ्वी पर जीवित रहना जरूरी है तभी हमारा पर्यावरण भी बचेगा। इस अवसर पर उन्होंने युवाओ से अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की भी अपील की। वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ०आशीष त्रिपाठी ने भी सभी से निवेदन किया है कि,यह लाइकोडोंन सर्प विषधारी सर्प करैत से कुछ कुछ मिलता जुलता दिखता है लेकिन ध्यान से देखा जाये तो दौनो में बड़ी भिन्नता है इसके चॉकलेटी ब्राउन रंग के शरीर पर बने बैंड (पट्टियां) चौड़े व पीले रंग की व सिर से शुरू होकर थोड़े दूर दूर होते है वहीं भूरे व काले दो रंग की करैत प्रजाति में यही बैंड (पट्टियां) सफेद रंग की व सिर से थोड़ा पीछे से शुरू होकर पतली पतली व थोड़ी सी दूर दूर दिखाई देती है। ध्यान रहे करैत व लाइकोडोंन सर्प ज्यादा लम्बे नही होते लाइकोडोंन एक से डेढ़ फीट का जब कि,करैत अधिकतम 3 से साढ़े तीन फ़ीट तक लम्बा हो सकता है। लेकिन जहाँ करैत बेहद ही जहरीला सर्प है वहीं दूसरी ओर लाइकोडोंन एक विषहीन प्रजाति का सर्प है। विदित हो कि,सर्पमित्र डॉ०आशीष त्रिपाठी के द्वारा जनपद में संस्था ओशन ऑर्गनाइजेशन फॉर कन्जर्वेशन ऑफ एनवायरमेंट ऑफ नेचर के द्वारा चलाये जा रहे पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम का ही परिणाम है कि,लोगों ने अब सर्पों को बिल्कुल मारना ही छोड़ दिया है व सभी डॉ० आशीष को उनके हेल्पलाइन नम्बर 7017204213 पर सूचना भी देने लगे है। सर्पमित्र डॉ०आशीष ने बताया कि,उक्त सर्प का सुरक्षित रेस्कयू डीएफओ अतुल कांत शुक्ला प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी इटावा के निर्देशन में वन दरोगा रविन्द्र मिश्रा की सूचना पर तत्काल सम्पन्न किया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में शुभम,आशू,छोटू भी साथ रहे।