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औरैया, देश में जाति सम्प्रदाय के नाम हो रही राजनीति जिससे प्रत्येक जाति धर्म के लोग कुठित है-: सतेन्द्र सेंगर “राष्ट्रीय अध्यक्ष मीडिया अधिकार मंच भारत रजि.

 

ए, के, सिंह संवाददाता जनपद औरैया

औरैया,आज 29 अगस्त है, यानी कि आज के दिन ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी देश के संविधान लिखने की प्रक्रिया शुरू की थी, 29 अगस्त 1947 को ही भारत की आजादी के लिये संविधान लिखे जाने की शुरुआत की गई थी, आज राजनैतिक दलों नें बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी संविधान का दुरूपयोग करते हुये जाति विशेष के नाम पर संगठन बनाकर लोग अपनी अपनी राजनीति चमकाने में लगे है *जोकि कटु सत्य है* एक सत्यता यह भी हैंकि अपने आप में तीस मरखा हर कोई बनता आ रहा है परन्तु *आज का समाज अपने ही जातिय समुदाय के नाम पर संगठन चलाकर अपने समुदाय के लोगों की “राजनैतिक पार्टियों से सौदेबाजी करते आ रहे है जिसका परिणाम यह हैकि देश प्रत्येक समाज के लोग मौजूदा समय में” उपेक्षाओं का शिकार बनाया जा रहा हैं*
मौजूदा समय चुनावी आरक्षण से लेकर पढ़ाई, नौकरी यहाँ तक गरीबों के नाम पर मिलने वाली प्रत्येक राहत योजनाओं में जातिय आरक्षण लाकर समाज को आपसी बंटवारा कर समाजिक शक्तियों का हनन कर अपना अपना वोट बैंक बढ़ाने का कार्य करते आ रहे है जिससे आज *सम्पूर्ण समाज को कुपोषण का शिकार बनाता जा रहा है,*
आज तक किसी भी जातिधर्म के संगठनों में इस देश के युवाओं के भविष्य के चिंतन करते हुये नहीं देखा *देश का प्रत्येक समुदाय अपने जातिय समाज के संगठन बनाकर राजनैतिक दलों में सौदेबाजी में लगा है* वहीं पर दूसरी ओर देश में दिनप्रतिदिन पनप रहे भ्रष्टाचार, एवं अपराधों का सबसे बड़ा कारण हैंकि *लोक तन्त्र के चौथे स्तम्भ के संविधानिक अधिकारों का हनन करना* आज सभी लोग भलीभांति जानते है कि देश में मीडिया की ही लेखनी एवं प्रकाशन से लोक तन्त्र के तीनों स्तम्भ कार्यपालिका, न्यायापालिक एवं जनप्रतिनिधि अंकुश में रहकर कार्य कर रहे है *लोक तन्त्र के इन तीनों स्तम्भों पर यदि लोक तन्त्र के इस चौथे स्तम्भ पत्रकार/मीडिया का यदि अंकुश ना हो तो निश्चित ही देश के युवाओं का खून तक निकाल कर बिदेशों में बेच दिया जाये* लोक तन्त्र के तीनों स्तम्भों नें मिलकर बहुत ही चतुराई पूर्वक देश की जनता को जाति धर्मों में बंटवारा करने, गरीबी व अमीरों के बीच बड़ी खाई बनाकर अपनी अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी को चमकाने के लिये तथा देश की जनता को भर्मित कर लोक तन्त्र के चौथे स्तम्भ पत्रकार/मीडिया को उनके अधिकारों का हनन करते हुये उसे कुपोषण का शिकार बनानें का सिर्फ यही मकसद हैंकि *यदि मीडिया को भी लोक तन्त्र के तीनों स्तम्भों के समान अधिकार मिला तो वह मजबूत एवं शशक्त होगा जिससे लोक तन्त्र के तीनों स्तम्भ “जो कि आज अपनी अपनी मनमानी करते आ रहे है” वह नहीं कर पाते*
आज देश की जनता को उन बीर सपूतों की आवश्यकता है (जोकि देश में जाति सम्प्रदाय के नाम हो रही राजनीति जिससे प्रत्येक जाति धर्म के लोग कुठित/पीड़ित है) ऐसी राजनीति से मुक्त करा देश में उस ब्यवस्था को लागू कराये जिसे देश की प्रत्येक जातियों में मानव धर्म को निभाते हुये आपसी भाईचारे से सकुशल जीवन यापन करे
ऐसी ही ब्यवस्था को बनाये जाने के उद्देश्य से *मीडिया अधिकार मंच भारत* का गठन किया गया है *अतः आप अपने क्षेत्र में चौपाल लगवाकर मेरे संगठन के उदेश्यों को जाने और अपनी आने वाली पीढ़ी का भविष्य बचाने के लिये जागरूक होकर “मीडिया अधिकार मंच भारत” संगठन को मजबूत करते हुये संघर्ष करें*