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इटावा, संयुक्त शिक्षा निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चयन बोर्ड में अनुभव प्रमाण पत्र लगाने वाले प्रधानाचार्य की हुई छुट्टी!

संयुक्त शिक्षा निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर चयन बोर्ड में अनुभव प्रमाण पत्र लगाने वाले प्रधानाचार्य की हुई छुट्टी!

इटावा, कुछ दिनो पहले नेताओ और समाज के लोगो से अपना फूलों की हार माला से स्वागत करवाने वाले शिक्षक सर्वेश कुमार चतुर्वेदी अब शिक्षा विभाग के लिये बेमानी साबित हो गये है,माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड प्रयागराज से जवाहर इंटर कॉलेज चकरनगर में प्रधानाचार्य पद के लिये प्रथम वरीयता में चुन कर आये शिक्षक सर्वेश कुमार चतुर्वेदी को जल्दबाजी में डीआईओएस राजू राणा ने चार्ज ग्रहण करवा तो दिया लेकिन वही चार्ज उनके लिये पिछले दिनो ग्रहण साबित हो गया।अनुभव प्रमाण पत्र पर संयुक्त निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर के बाद प्रधानाचार्य सर्वेश कुमार चतुर्वेदी को डीआईओएस राजू राणा ने तत्काल प्रभाव से प्रधानाचार्य के पद से मुक्त कर दिया लेकिन अभी तक उक्त शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने में आनाकानी का दौर जारी है।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड प्रयागराज द्वारा 2 मई 2022 को प्रदेश के भिन्न भिन्न इंटर कॉलेज मे प्रधानाचार्य पद के लिये पैनल भेजकर नियुक्तियां की गई जिसमें पोस्ट हरदू जिला औरैया निवासी सर्वेश कुमार चतुर्वेदी जिनका पंजीयन क्रमांक 01111000 प्रथम वरीयता पर जवाहर इंटर कॉलेज चकरनगर में भेजा गया जिस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने प्रधानाचार्य के समस्त शैक्षिक दस्तावेज बिना सत्यापन कराये अपने कार्यालय संख्या च0बो0/1663-69/2022-23 दिनांक 22 मई को विद्यालय के प्रबंधक को नियुक्ति पत्र जारी कर सर्वेश कुमार चतुर्वेदी को चार्ज ग्रहण करवाने के आदेश पारित कर दिये,23 मई को विद्यालय के प्रबंधक ने चार्ज ग्रहण करवा कर चतुर्वेदी का मुँह मीठा करवा दिया,प्रबंधक के द्वारा सर्वेश कुमार चतुर्वेदी के प्रधानाचार्य के रूप में नमूने के हस्ताक्षर प्रमाणित हेतु पत्रावली जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को भेज दी।।

अनुभव प्रमाण पत्र पर संयुक्त निदेशक कानपुर मंडल कानपुर के फर्जी हस्ताक्षर

चयन बोर्ड जिस शिक्षक को प्रधानाचार्य नियुक्त करता है उसके लिए प्रवक्ता के पास शैक्षिक अनुभव कम से कम 4 वर्ष का होना चाहिए चयन बोर्ड द्वारा 4 वर्ष के अनुभव के बाद प्रत्येक वर्ष के 5 नम्बर दिये जाते है अधिकतम 80 अंक अनुभव के दिये जा सकते है लेकिन सवाल यहाँ यह उठता है कि जब सर्वेश कुमार चतुर्वेदी का अनुभव प्रमाण पत्र ही फर्जी था तो चयन बोर्ड ने उनका चयन किस आधार पर कर दिया।जबकि चयन बोर्ड की नियमावली संख्या 7216 /चयन/2021-22 दिनाँक 5 मार्च 2022 में संयुक्त शिक्षा निदेशक(माध्यमिक) को अनुभव प्रमाण पत्र को प्रमाणित करने का अधिकार नही है केवल यह अधिकार जिला विद्यालय निरीक्षक, लेखाधिकारी,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,संगठन के उपायुक्त प्रमाणित कर सकते है लेकिन सर्वेश कुमार चतुर्वेदी के अनुभव प्रमाण पत्र पर संयुक्त शिक्षा निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर कैसे आ गये जिसका खुद संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल कानपुर के के गुप्ता ने अपने पत्र संख्या 1293 दिनांक 3 जून को जिला विद्यालय निरीक्षक को जारी कर फर्जी हस्ताक्षर होने का जिक्र किया है।

जिला फरूखाबाद के पब्लिक स्कूल से जारी हुआ फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र

राइजिंग सन इंटरनेशनल स्कूल औरैया में वर्तमान में प्रधानाचार्य का पद संभाल रहे सर्वेश कुमार चतुर्वेदी ने फरूखाबाद के मॉडर्न पब्लिक स्कूल में अध्यापन कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र बनवाया जिस पर संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल कानपुर के हस्ताक्षर है जो पूरी तरह से फर्जी पाये गये है संयुक्त शिक्षा निदेशक ने डीआईओएस को जारी किये अपने पत्र 1299 में लिखा कि”जिला विद्यालय निरीक्षक के पत्रांक चयनबोर्ड/1973/2022-23 दिनांक 26 मई के साथ संलग्न सर्वेश कुमार चतुर्वेदी के मॉडर्न पब्लिक स्कूल फरूखाबाद में अध्यापन कार्य सम्बन्धी प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र का प्रतिस्ताक्षरण कार्यालय अभिलेखानुसार संयुक्त शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल कानपुर द्वारा नही किया गया है ,कार्यालय अभिलेखानुसार सम्बंधित अनुभव प्रमाण पत्र के अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किये जाने की पुष्टि नही होती है”

पत्र जारी होने के बाद भी डीआईओएस कार्यालय ने की हीलाहवाली

संयुक्त शिक्षा निदेशक के 3 जून को मेल से पत्र भेजने के बाद 8 जून को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के लिपिक अजय मिश्रा ने प्रधानाचार्य सर्वेश कुमार चतुर्वेदी के हस्ताक्षर नमूने को डीआईओएस से प्रमाणित करवा लिया,संयुक्त शिक्षा निदेशक के 3 जून के पत्र का संज्ञान आने पर डीआईओएस राजू राणा ने आनन फानन में 10 जून को अपने पत्र संख्या 2462-68 जारी कर जवाहर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सर्वेश कुमार चतुर्वेदी को उनके पद से हटाने के आदेश पारित किए गये लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह कि जब एक मंडल के वरिष्ठ अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर ओर चयन आयोग को गुमराह कर प्रधानाचार्य जैसा पद हथियाने के मामले में आ जाने के बाद अभी ना तो शिक्षक पर कोई एफआईआर दर्ज करवाई गई और न ही अभी कोई उच्चस्तरीय जाँच बैठाई गई।सूत्र यह भी बताते है कि राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों के दवाब में अभी पशिक्षक पर कार्यवाही करने में डीआईओएस काफी दवाब में दिखाई दे रहे है।।